माइंस की प्रयोगशाला, ड्रिलिंग, पेट्रोलोजी को उपलब्ध होंगे आधुनिकतम उपकरण : खान मंत्री

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जयपुर, 11 मार्च (हि.स.)। राज्य के अथाह खनिज संपदा के पूर्वेक्षण एवं अन्वेषण कार्य को गति देने के लिए राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट से आधारभूत संरचना व तकनीकी अपग्रेडशन के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। अन्वेषण, खनिज ब्लॉक्स तैयार करने और ऑक्शन के लिए आवश्यकता अनुसार अनुभवी संस्थाओं से आउट सोर्सिंग व पीपीपी के माध्यम से कार्य करवाया जाए ताकि अधिक से अधिक ब्लॉक्स तैयार कर प्रतिस्पर्धी दरें प्राप्त हो सके।

खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने शुक्रवार को सचिवालय में आरएसएमईटी के संचालक मण्डल की पहली बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों में खनिजों की संख्या सीमित है वहीं प्रदेश में 57 प्रकार के खनिजों के खनन का कार्य किया जा रहा है। आरएसएमईटी से 3 करोड़ 76 लाख रूपये के वित्तीय सहयोग से केन्द्रीय प्रयोगशाला, ड्रिलिंग अनुभाग और जियोफिजिकल, रिमोट सेंसिंग व पेट्रोलोजी अनुभागों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। विभागीय प्रयोगशाला का सुदृढीकरण कर एनएबीएल स्तर की बनाया जाएगा। इससे सेंपल्स का विश्लेषण, गहराई तक निर्बाध ड्रिलिंग, माइक्रोस्कोप कैमरे, ग्रेविटी मीटर, मैग्नेटोमीटर सहित आवश्यक नवीनतम उपकरण उपलब्ध हो सकेंगे।

भाया ने कहा कि बंशीपहाडपुर की तर्ज पर बेरी गंगा और बालसमंद आदि के कार्य को गति दी जाए। खनिज ब्लॉक्स के समय पर तैयार होने व नीलामी से अवैध खनन पर रोक, वैध खनन को बढ़ावा, राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति और प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व एनर्जी डॉ. सुबोध अ्रग्रवाल ने बताया कि आरएसएमईटी के माध्यम से 25 लाख रूपये बांसवाड़ा के कालाखूंटा, तांबेसरा, रूपखेडा में मैग्नीज और पृथीपुरा में लाईमस्टोन व भीलवाड़ा के धूलखेडा जिपिया, कजलोदिया में आयरन ओर व सांकरिया खेडा में गारनेट के ब्लाक्स तैयार किए गए हैं। इन ब्लॉकों से अपफ्रंट पेमेंट के रूपये में 225 करोड़ और समग्र रूप से 14752 करोड़ की संभावित आय हो सकेगी।

एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 22-23 में बारां, भीलवाड़ा, जोधपुर, झुन्झुनू उदयपुर, राजसमंद आदि में 8 स्थानों पर आयरन ओर, लाईस्टोन, खनिज खोज के लिए ड्रिलिंग कार्य करवाया जाएगा। अप्रधान खनिज ब्लॉक्स भी इस कोष से ऑक्शन के लिए तैयार करवाए जाएंगे।

प्रमुख शासन सचिव राजस्व आनंद कुमार ने बताया कि राजस्व विभाग द्वारा माइनिंग ब्लाक्स के लिए प्राथमिकता से सहयोग दिया जा रहा है। बैठक में वन सचिव वी प्रवीण ने भी सुझाव दिए।

डीएमजी केबी पण्ड्या ने बताया कि यह पहला मौका है जब राज्य के खनन ब्लॉक्स की रिजर्व प्राइज से 192 प्रतिशत अधिक राशि प्राप्त हुई है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी आरएसएमईटी एनपी सिंह ने पीपीटी के माध्यम से विस्तार से गतिविधियाें की जानकारी दी। बैठक में उपसचिव माइंस आरके मक्कड, माइंस मंत्री के पीएस अरविन्द सारस्वत, अतिरिक्त निदेशक अनिल वर्मा, आलोक जैन, एसजी सुशील वर्मा सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।


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