महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी जारी

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पटना, 03 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से रालोसपा के उपेन्द्र कुशवाहा के अलग हो जाने के बाद राजग में लोकसभा चुनावों के लिए बिहार में सीटों की संख्या का बंटवारा हो गया किन्तु महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी अभी भी जारी है। सबसे बड़ा घटक होने के नाते राजद और कांग्रेस अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे किन्तु अपने फलक को बढ़ाने की होड़ में हम, रालोसपा, शरद यादव और मुकेश सहनी जैसे छोटे -छोटे दलों के महागठबंधन में शामिल होने और अधिक से अधिक सीटों की उनकी दावेदारी के कारण महागठबंधन में सीटों की संख्या का अभी तक बँटवारा नहीं हो सका है।
राजद सूत्रों के अनुसार महागठबंधन में राजद – कांग्रेस अधिकांश सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि रालोसपा चार-पांच सीटें मांग रही है और ‘हम’ ने भी तीन सीटों के लिए दबाव बनाये रखा है । निषाद संघ के नेता मुकेश सहनी और शरद यादव की पार्टी को भी महागठबंधन में एडजस्ट करने के लिए बड़े घटकों को कुछ त्याग करना पड़ेगा। महागठबंधन में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अभी भी बिग बॉस की ही भूमिका में हैं और इस पर फैसला उनका ही होगा । इसका अनुमान लगाते हुए छोटे -छोटे घटक दल के नेता रांची में लालू यादव से मुलाक़ात कर रहे हैं ।
इस बीच मध्यप्रदेश , छतीसगढ़ और राजस्थान विधान सभा चुनावों में जीत से उत्साहित कांग्रेस ने अपनी ताकत को अधिक आंकते हुए साफ़ कर दिया कि सीटों पर समझौते के लिए राजद से कोई बातचीत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से रांची के अस्पताल में नहीं होगी।
दरअसल महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं की रांची के अस्पताल में न्यायिक हिरासत में इलाज करा रहे लालू प्रसाद यादव से मुलाक़ात पर राजग बयानबाजी कर रहा है। राजग के इस रुख को देखते हुए कांग्रेस ने तय किया है कि सीटों के समझौते की उसकी कोई बातचीत रांची जेल में नहीं होगी और कांग्रेस संगठन का कोई आधिकारिक व्यक्ति जेल या अस्पताल नहीं जाएगा। कांग्रेस का मानना है कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी राजद के बारे निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं।
कांग्रेस किसी संवादवाहक के माध्यम से सीटों के बंटवारे पर बातचीत कर सकती है और इस भूमिका में कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह तथा राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह निभा सकते हैं। पार्टी के प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि सीटों के मसले में निर्णायक बातचीत में अभी समय है और उम्मीद है कि जेल से वह जल्द ही बाहर आएंगे।
महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद में भी सीटों को लेकर चल रहा घमासान गुरुवार को उस समय सतह पर आ गया जब पार्टी के विधायक और प्रवक्ता भाई वीरेंद्र की पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर दावेदारी को खारिज करते हुए राजद नेता तथा पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने साफ़ कहा कि पाटलिपुत्र लोक सभा सीट से राज्यसभा सांसद और उनकी बहन मीसा भारती ही चुनाव लड़ेंगी। तेज प्रताप यादव ने मीसा भारती को अपना पूरा समर्थन देते हुए कहा कि किसी भी सीट के लिए कोई व्यक्ति अपनी तरफ से दावेदारी नहीं दे सकता, उम्मीदवारों का चयन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि वह अपने समर्थकों के साथ अपनी बहन मीसा भारती के साथ मजबूती से खड़े हैं और उनके लिए जम कर प्रचार करेंगे । उन्होंने कहा कि भाई वीरेंद्र के क्षेत्र मनेर के कोने -कोने में भी मीसा भारती के लिए प्रचार करेंगे ।
इस बीच भाई वीरेंद्र ने कहा कि उनके नेता लालू प्रसाद यादव हैं और उनका आशीर्वाद होगा तो वह चुनाव लड़ेंगे । उन्होंने कहा कि लालू यादव पाटलिपुत्र सीट पर जिसको टिकट देंगे वह उनका पूरी तरह समर्थन करेंगे और सीटों को लेकर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है।
राजद में दरअसल लालू परिवार में ही सीटों को लेकर तनातनी चल रही है । ऐसा माना जा रहा है कि प्रतिपक्ष के नेता तथा लालू यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव अपने पिता की सहमति से सीटों पर निर्णय लेंगे किन्तु तेज प्रताप यादव ने अपनी बहन मीसा भारती के सन्दर्भ में गुरुवार को बयान दे कर राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया। तेजप्रताप खुद भी छपरा से चुनाव लड़ना चाहते हैं साथ ही राबड़ी देवी को भी लोकसभा का चुनाव पार्टी लड़ाना चाहती है। ऐसी स्थिति में घटक दलों के साथ साथ राजद को अपनी ही पार्टी और लालू परिवार में भी सीटों को लेकर घमासान झेलना पड़ सकता है।
गठबंधन में शामिल क्षेत्रीय पार्टियां उन्हें मिल रहीं कम सीटों से नाराज़ हैं । जीतनराम मांझी की पार्टी हम ने साफ कर दिया है कि उसे सम्मानजनक सीटें चाहिए। हम के प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल ने कांग्रेस और राजद को सहयोगी छोटे दलों को हिकारत भरी नजरों से नहीं देखेने की सलाह देते हुए कहा कि ऐसी परिस्थिति में मारा वही जाता है जिसे अपनी ताकत का सही अंदाज़ नहीं होता। पटेल का मानना है कि महागठबंधन में कांग्रेस पार्टी की जिम्मेवारी बड़ी है और उसे अपनी सीटों की संख्या के बारे में नहीं सोचना चाहिए । कांग्रेस और राजद से छोटे दल कुर्बानी की अपेक्षा करते हैं।
चुनावी सरगर्मी के बीच सीट बंटवारे के लिए महागठबंधन के जिन नेताओं ने लालू यादव से रांची के अस्पताल में मुलाकात की उनमें मुख्य रूप उनके बेटे तेजस्‍वी यादव, राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा, नागमणि , निषाद संघ के नेता मुकेश सहनी, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, उदय नारायण चौधरी, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी, कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह और डा. शकील अहमद शामिल हैं ।


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