मप्रः डिजिटल दान कैम्पेन प्रारम्भ करने वाला देश का पहला जिला बना छिंदवाड़ा

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जरूरतमंद बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया कैम्पेन
– कलेक्टर ने डिजिटल दान कैम्पेन के लिए मेटा सोशल कंपनी के साथ साइन किया एमओयू
कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों में सबसे ज्यादा और दूरगामी असर दूरस्थ अंचलों के ग्रामीण और जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा पर पड़ा है। समुचित डिजिटल संसाधन सुलभ नहीं होने के कारण ये बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं का भी सही अर्थों में लाभ नहीं उठा सके। बच्चों के भविष्य निर्माण में स्कूली शिक्षा के महत्व को समझते हुए जिला प्रशासन द्वारा जिले में “डिजिटल दान” कैंपेन की शुरुआत की जा रही है। इसके लिए कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन द्वारा शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में मेटा सोशल कंपनी के फाउंडर इफ्तेखार पठान के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। इसके साथ ही छिंदवाड़ा जिला डिजिटल दान कैम्पेन प्रारम्भ करने वाला देश का पहला जिला बन गया है।
इस अवसर पर वनमण्डलाधिकारी पूर्व वनमंडल अखिल बंसल के साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास और डीपीसी कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में उपस्थित थे, जबकि मेटा सोशल की टीम से निखिल अग्रवाल, मनोज पोचट, विशाल नाईक, नरेश, विनोद एवं आनंद वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए।
डिजिटल दान कैंपेन क्या है?
यह कैंपैन इंडियन ग्लोबल, मेटा सोशल, एम.आई.टी.-ए.डी.टी. यूनिवर्सिटी पुणे और इंदौर के “नन्हे फरिश्ते” एनजीओ के द्वारा चलाया जा रहा है। डिजिटल दान कैंपेन के तहत जरूरतमंद बच्चों को डिजिटल लर्निंग के लिए लैपटॉप प्रदाय किए जाएंगे। साथ ही कोर्स मैटेरियल भी उपलब्ध कराया जाएगा। छिंदवाड़ा जिला यह कैंपेन चलाने वाला देश का पहला जिला है, इसीलिए इसे एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।
जिले में इसकी सफलता के बाद यह कैंपेन देश के अन्य जिलों में भी चलाने की बात की जा रही है। इसमें कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से डिजिटल दान कर सकता है। पूरी पारदर्शिता के लिए पारदर्शी प्लेटफार्म बनाया गया है, जिसके माध्यम से दानदाता अपने दान की राशि को ट्रैक कर सकते हैं और उसकी उपयोगिता पर पूरी नजर रख सकते हैं।


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