मजबूत लोकतंत्र के लिए मताधिकार में विवेक और दायित्व भावना जरूरी- राज्यपाल
जयपुर, 25 जनवरी (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रत्येक नागरिक का आह्वान किया है कि मजबूत लोकतंत्र के लिए उन्हें अपने मत का प्रयोग पूरे विवेक और दायित्व भावना के साथ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में एक मत योग्य जनप्रतिनिधि चुन सकता है, वहीं बिना सोच-समझ कर प्रयोग किया गया मत अयोग्य का भी चयन कर सकता है।
राज्यपाल मिश्र मंगलवार को 12वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के राज्यस्तरीय समारोह को राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक-एक मतदाता को जोड़ने की अवधारणा के तहत राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन भारत निर्वाचन आयोग की महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि मतदान के जरिए ऐसे जनप्रतिनिधियों को चुना जाना चाहिए जो देश को विकास और प्रगति के पथ पर आगे ले जा सकें।
राज्यपाल ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस वर्ष मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण में जोड़े गए 20 लाख से अधिक नव मतदाताओं में से 95 प्रतिशत से अधिक ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से जोड़े गए हैं। राज्यपाल ने कहा कि वर्ष में चार बार मतदाता पंजीकरण की नई व्यवस्था का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि युवा 18 वर्ष की आयु प्राप्त करते ही अपना पंजीयन करा सकें।
कार्यक्रम में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा का राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर देश की जनता के नाम संदेश का वीडियो प्रसारण किया गया। उन्होंने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व कानून में महत्वपूर्ण संशोधन के बाद अब 18 वर्ष पूर्ण करने वाले युवाओं के नाम निर्वाचक नामावली में जोड़ने के प्रक्रिया वर्ष में चार बार करवाई जा सकेगी। अब प्रति वर्ष एक जनवरी, एक अप्रेल, एक जुलाई और एक अक्टूबर को 18 वर्ष पूर्ण करने वाले युवाओं के नाम निर्वाचक नामावली में जुड़वाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि मतदाता पहचान पत्र को आधार संख्या से जोड़ने की पहल मतदाता सूची से दोहराव हटाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त प्रेम सिंह मेहरा ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया को सुगम, समावेशी, सहभागी और वोटर फ्रेंडली बनाने के लिए देश-प्रदेश में निरंतर प्रयास किए जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत इसे समावेशी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि आमजन को स्वयं को शासित करने के निर्वाचन का अधिकार लोकतंत्र का सबसे बड़ा उपहार है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में हर नागरिक को जोड़ा जा सके और हर मदताता की सहभागिता सुनिश्चित की जा सके, इस दृष्टि से मतदाता जागरुकता के लिए प्रशासन के स्तर पर भी व्यापक प्रयास किए जाते हैं।
निर्वाचन विभाग की स्टेट आइकन शताब्दी अवस्थी ने कहा कि एक-एक मत से देश का भविष्य निर्धारित होता है। इसलिए नव मतदाता मतदान दिवस को अवकाश के रूप में नहीं लेकर जब भी मतदान होता है तब जिम्मेदार नागरिक के रूप में अनिवार्य रूप से मतदान करना सुनिश्चित करें।
ईपिक किट भेजने की नई पहल
कार्यक्रम के दौरान नई पहल के रूप में बहुरंगी लिफाफे में ईपिक किट भेजने की नई व्यवस्था की शुरुआत भी जयपुर जिले के मालवीय नगर एवं बस्सी विधानसभा क्षेत्र से की गई। यह व्यवस्था आगे पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी। उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता, सम्पत्ति सहित विभिन्न जानकारी आमजन को उपलब्ध कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किए गए नो यॉर कैंडिडेट एप और मतदाता पहचान पत्र को डिजटिल बनाने के लिए मोबाइल से लिंक ई-एपिक कार्ड के बारे में भी कार्यक्रम में जानकारी दी गई।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के उपलक्ष में निर्वाचन प्रक्रिया में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों को राज्यपाल की ओर से राज्यस्तरीय सम्मान से सम्मानित किया गया।