भारत में होगी अगली ‘भारत-मध्य एशिया वार्ता’

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समरकंद/नई दिल्ली, 13 जनवरी (हि.स.)। अगली ‘भारत-मध्य एशिया वार्ता’ की मेजबानी भारत करेगा, जो साल 2020 में होगी। इसका ऐलान उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई पहली ‘भारत-मध्य एशिया वार्ता’ के समापन पर किया गया। रविवार को ‘भारत-मध्य एशिया वार्ता’ का समापन हुआ और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने समरकंद से विदाई ली।
‘भारत-मध्य एशिया वार्ता’ भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच अपनी तरह की यह पहली राजनयिक स्तर की वार्ता है। इस राजनयिक वार्ता के साथ भारत सरकार ने मध्य एशियाई देशों के साथ एक नया डिप्लोमैटिक मंच शुरू किया है। जिसमें भारत सरकार मध्य एशियाई देशों उज्बेकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और कजाकिस्तान के साथ पहली बार संयुुक्त रूप से इस तरह की वार्ता कर रही है। 12-13 जनवरी को उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुई इस वार्ता में सुषमा स्वराज ने उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री अब्दुल अजीज कामिलोव के साथ वार्ता की सह-अध्यक्षता की। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने इस क्षेत्र में संपर्क मुद्दों के लिए समर्पित सत्र के लिए विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री और कजाकिस्तान के प्रथम उप विदेश मंत्री ने अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2015 में सभी पांच मध्य एशियाई देशों की यात्रा और अगस्त 2018 में विदेश मंत्री के मध्य एशिया दौरे के बाद, ‘भारत-मध्य एशिया डॉयलॉग’ जैसे मंच को स्थापित करने पर विचार हुआ। इसका उद्देश्य सभी मध्य एशियाई देशों के साथ भारत के राजनीतिक, आर्थिक, विकास साझेदारी और सांस्कृतिक सहित सभी क्षेत्रों में आपसी सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाना है।


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