भदोही: राष्ट्रवाद का मुद्दा होता जा रहा हावी
भदोही, 18 अप्रैल (हि.स.)। आम चुनाव में क्षेत्रीय मुद्दे गायब हैं। राष्ट्रवाद का मुद्दा सिर चढ़कर बोल रहा है। संसदीय क्षेत्र के विकास के मुद्दे पर न तो कोई नेता बोल रहा है और न ही विभिन्न पार्टियों के समर्थक बोल रहे हैं। मतदाताओं में राष्ट्रवाद का मुद्दा हावी होता जा रहा है।
माधो सिंह से जौनपुर को अगर रेल लाइन से जोड़ दिया जाए तो यह पूर्वांचल के विकास में अहम कड़ी साबित हो सकता है, फिर भी इस पर कोई चर्चा नहीं है। यह मुद्दा विकास की कड़ी में अहम हो सकता है। लेकिन सिर्फ राष्टीय दलों की जुबानी जंग को मुद्दा बना उम्मीदवार मैदान में उतरें हैं। इस विषय पर हम मतदाओं के बीच गए और उनके सवाल किया कि आपके वोटिंग का एजेंडा क्या हैं। विकास और राष्ट्रवाद को लेकर भी मतदाताओं में दो फाड़ हैं।
खास बात है कि अधिकांश मतदाता स्थानीय विकास को दूसरी पायदान पर रखते हुए राष्ट्रवाद की बात करते हैं। शिक्षाविद् डॉ. अजय पांडेय हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में राष्ट्रवाद की बात करते हैं। मानवेंद्र के विचार में जो जाति-धर्म और कुप्रथाएं खत्म करें, ऐसी सरकार जरूरी है। आकाश दुबे अपराधमुक्त भदोही चाहते हैं, जबकि वीके सिंह राष्ट्रवाद और पत्रकार रामकृष्ण जातिवाद को खत्म करना चाहते हैं।
राकेश, तपन और अरविंद द्विवेदी राष्ट्रवाद को पहली वरियता में रखना चाहते हैं, जबकि अतुल, अमित, जय कुमार सिंह, शिवपूजन यादव, राजेंद्र दूबे, पत्रकार प्रेम चौबे, दीपक पाठक राष्ट्रवाद के साथ परिपक्व उम्मीदवार को चाहते हैं।
शिक्षाविद् अशोक शाही ने कहा कि भदोही में माधोसिंह वाया ज्ञानपुर से जौनपुर को रेललाइन से जोड़ दिया जाय तो पूर्वांचल के विकास में अहम कड़ी जुड़ जाएगी। इसके अलावा यहां के विकास के लिए केएनपीजी को विश्वविद्यालय का दर्जा और कृषि इंजीनियरिंग कालेज की खुलने चाहिए। श्याम मोहन स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ सावर्जनिक यातायात को बेहतर चाहते हैं।
आशीष दुबे एक उच्च तकनीकी क्षमता वाला अस्पलाल की इच्छा रखते हैं। राजेश शुक्ला आर्थिक आधार पर आरक्षण, मुंबई के लिए और गाड़िया के साथ रोजगार के अवसर की बात करते हैं। पूर्वाचल के भोजपुरी गायक समावेशी विकास चाहते हैं। अमित विकास कार्य के साथ पारदर्शिता के साथ सुशासन चाहते हैं। शुभम कौशल स्थानीय समस्याओं को वरियता देते हैं।