बेरोजगारी पर सीएमआईई की रिपोर्ट सच्चाई से कोसों दूर

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सरकार का दावा केवल एक लाख स्नातक ही चाहते हैं रोजगार
चंडीगढ़, 3 मार्च (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने दावा किया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था नियंत्रण केंद्र (सीएमआईई) द्वारा बेरोजगारी पर जारी रिपोर्ट को पूरी तरह से नकारते हुए कहा है कि प्रदेश में केवल एक लाख स्नातक ही ऐसे हैं, जो सरकारी रोजगार चाहते हैं। ज्यादातर युवाओं ने बेहतर विकल्प की तलाश में खुद को सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत किया है।
हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को इनेलो विधायक अभय चौटाला ने यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से बेरोजगारों की संख्या तथा इस संबंध में आ रही सर्वे रिपोर्ट के बारे में पूछा। इसके जवाब में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक ने सदन के पटल पर रखी रिपोर्ट में कहा कि सीएमआईई द्वारा पूर्व समय के दौरान जारी रिपोर्ट तथ्यों से परे रही है।
सरकार ने दिसंबर 2020 में 32.5 तथा दिसंबर 2021 में 34.1 की बेरोजगारी दर को नकारते हुए कहा है कि इस रिपोर्ट में भौगौलिक आधार पर कई खामियां हैं। अनूप धानक ने कहा कि हरियाणा विजन 2030 के अनुसार 86 लाख श्रम शक्ति तथा 82 लाख कार्य बल माना गया है। इसके अनुसार प्रदेश में कुल बेरोजगारों की संख्या चार लाख है। उन्होंने कहा कि सरकार के पोर्टल पर कुल 8.87 लाख युवा पंजीकृत हैं, जिनमें से सभी नौकरी की तलाश में नहीं हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जो पहले से नौकरी कर रहे हैं ओर बेहतर अवसरों की तलाश में पंजीकृत हैं।
सरकार का दावा है कि 8.87 लाख युवाओं में से 3.50 लाख उम्मीदवारों को सक्षम युवा योजना के लिए अनुमोदित किया गया है। ऐसे में अनुमान के मुताबिक स्नातक पास 1.05 लाख ही नौकरी की तलाश में है।


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