बुंदेलखंड में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए पसीना बहा रहे हैं स्टार प्रचारक नसीमुद्दीन सिद्दीकी

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बांदा, 17 फरवरी (हि.स.)। जनपद बांदा के रहने वाले कांग्रेस के स्टार प्रचारक नसीमुद्दीन सिद्दीकी की बसपा के शासनकाल में कद्दावर मंत्री के रूप में हनक थी। बसपा संगठन के नेता और कार्यकर्ता उनके हुक्म पर संगठन के कार्यों में जी जान से जुट जाते हैं थे लेकिन आज परिस्थितियां बदल गई हैं। नसीमुद्दीन कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए गांव गांव में भ्रमण कर उनके लिए समर्थन जुटा रहे हैं। अब उन्हें पार्टी हाईकमान के हुक्म पर काम करना पड़ता है।
दो दशक पहले राजनीति में कदम रखने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी सबसे पहले बांदा सदर सीट से विधायक चुने गए थे। सिद्दीकी जिले में केवल मुस्लिम वर्ग के नेता नहीं है बल्कि आपसी भाईचारा के कारण उनका हिंदू समुदाय में भी खासा प्रभाव है। यही कारण है कि वह पहले मुस्लिम हैं जिन्हें बांदा सदर सीट से विधायक बनने का गौरव मिला था। इसके बाद उन्हें मायावती मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का ओहदा मिला और कुछ ही दिनों में वह मुख्यमंत्री मायावती के सबसे करीबी नेता बन गए या यूं कहिए की मायावती के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी दूसरे नंबर के प्रभावशाली मंत्री थे। जिनके हुक्म पर पार्टी के कार्यकर्ता दिन रात मेहनत करते थे।
आज परिस्थितियां बदली है कांग्रेस में आने के बाद कांग्रेस ने भी उन्हें हाथों हाथ लिया है और विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक के रूप में सूची में शामिल किया गया है। अब उनके सामने कांग्रेस की खोई हुई विरासत हासिल करने की एक बडी चुनौती है। बुंदेलखंड में तीसरे चौथे और पांचवें चरण में मतदान होना है। नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बुंदेलखंड में प्रत्याशियों को जीत दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है। यही वजह है कि कांग्रेस के स्टार प्रचारक पूर्व काबीना मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी झांसी, महोबा, हमीरपुर व बांदा आदि जनपदों में नुक्कड़ सभाएं और डोर टू डोर जन संपर्क करके कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके प्रयास से मुस्लिम बाहुल्य इलाके में कांग्रेस का जनाधार बढ़ रहा है।
वह कहते हैं कि भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध पूरे देश में खुलकर सिर्फ कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी कर रहे हैं। प्रदेश में दो चरण के हो चुके मतदान में कांग्रेस के पक्ष में मतदाताओं का भारी रुझान रहा है। जातिवाद और सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाली राजनीति कांग्रेस ने न कभी की है और न ही भविष्य में करेगी। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को अपनी पुरानी पसंदीदा पार्टी कांग्रेस को फिर अपनाना चाहिये।


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