फागोत्सव-2022: हैलो, मैं बंशीधर बोल रहा हूं, हरी तुम ‘कुर्सी-कुर्सी मंत्र जपो’, ‘हम तो थाली के बैगन ठैरे…’

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-महिलाओं ने चुनाव पर किए जोरदार कटाक्ष
नैनीताल, 09 मार्च (हि.स.)। कुमाउंनी होली अपने आप में अनूठी है। यहां उश्रृंखलता नहीं वरन सामाजिक मुद्दों पर गहरे कटाक्ष किए जाते हैं। नैनीताल में चल रहे फागोत्सव में भी यह परंपरा आगे बढ़ी है। खासकर इस दौरान हो रहे चुनाव को लेकर यहां महिला होल्यारों ने कुमाउंनी होली की सुप्रसिद्ध ‘स्वांग’ विधा के जरिए जो प्रदर्शित किया, उससे यह भी पता चला कि भले समाज कई मामलों में सामने से मौन दिखता हो, लेकिन उसकी गहरी प्रतिक्रिया उसके अंतर्मन तक होती है और जब कुमाउंनी होली मौका देती है तो वह चुटीले अंदाज में झकझोर देती है।
ऐसा ही नगर के रामलीला मैदान में श्रीराम सेवक सभा के तत्वावधान में चल रहे 26वें फागोत्सव-2022 के दौरान हुआ। यहां महिलाओं ने समाज में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति सहित अनेक सामाजिक मुद्दों को चुटीले अंदाज में प्रस्तुत करने के साथ कुछ राजनेताओं की मौजूदगी के बावजूद स्वांग प्रस्तुत करते हुए कहा, वह दल-बदलू हैं, थाली के बैगन हैं, किसी भी ओर पलट सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार नैनीताल विधानसभा से तीन प्रमुख दलों के उम्मीदवार अपनी पार्टी बदलकर चुनाव लड़े थे।
एक अन्य स्वांग में महिलाएं जगरिए यानी ओझा के रूप में ‘हरी’ नाम के व्यक्ति को उसके चावल की जगह खीले देखते हुए सलाह देने लगी कि वह ‘कुर्सी-कुर्सी’ मंत्र जपे।
उल्लेखनीय है कि चुनाव के दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व मंत्री हरीश दुर्गापाल के साथ किसी ओझा को चावल दिखाते हुए फोटो वायरल हुआ था, और हरीश रावत ने एक तरह से ‘कुर्सी न मिली तो घर बैठूंगा’ जैसा बयान भी दिया था।
इसके अलावा सर्वाधिक चुटीला व्यंग्य वह रहा, जिसमें स्वांग करता हुआ व्यक्ति फोन पर खास अंदाज में कहता सुना गया, ‘मैं बंशीधर बोल रहा हूं…।’
उल्लेखनीय है कि चुनाव में इसी वाक्य के साथ एक नेता का एक महिला से अश्लील बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था। इस प्रकार साफ दिखता है कि जनता में किन नेताओं ने किस तरह से जनता को छुआ है। अब देखने वाली बात होगी कि आज 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणामों में जनता के दिल को लगी यह बातें परिणामों में किस तरह नजर आती हैं।


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