प्रयागराज की शहर दक्षिणी विधानसभा माना जाता है भाजपा का गढ़
– केशरीनाथ त्रिपाठी लगातार पांच बार चुने गये
प्रयागराज, 15 जनवरी (हि.स.)। प्रयागराज की दक्षिण विधानसभा सीट एक वीआईपी सीट के तौर पर जानी जाती रही है। इस सीट पर शुरुआती दौर में कांग्रेस का कब्जा रहा तो बाद में भाजपा का गढ़ बन गया। इस सीट पर पहली बार 1989 में भारतीय जनता पार्टी के केशरीनाथ त्रिपाठी ने कांग्रेस के सतीश चंद्र जायसवाल को 7532 मतों से हराकर जीत दर्ज की थी। 1989 से बीजेपी की विजय पताका शुरू हुई, जो 2007 तक जारी रही। केशरी नाथ त्रिपाठी लगातार पांच बार यहां से चुनाव जीते, लेकिन छठी बार नन्दी ने उन्हें पराजित कर दिया था।
इस विधानसभा सीट पर ब्राह्मण, वैश्य और मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है। इसके बावजूद इस विधानसभा क्षेत्र में केसरीनाथ त्रिपाठी की एक मजबूत पकड़ थी, जिसके चलते हुए यहां से लगातार 5 बार निर्वाचित हुए। वर्ष 2017 में इस विधानसभा सीट पर बीजेपी ने फिर जीत दर्ज की। इस बार नंद गोपाल गुप्ता ने बसपा से नाता तोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने समाजवादी पार्टी के परवेज अहमद को 28,587 वोटों से हराया था।
-शहर दक्षिणी के चुनाव पर एक नजर
शहर दक्षिणी से लगातार तीन वर्ष 1957, 1962 एवं 1967 में कल्याण चंद्र मोहिले चुने गये थे। इसमें दो बार प्रजा सोसलिस्ट पार्टी से और एक बार संयुक्त सोसलिस्ट पार्टी से रहे। 1969 में भारतीय जनसंघ से राम गोपाल संड चुने गये। 1974 में सत्य प्रकाश मालवीय भारतीय क्रांति दल एवं 1977 में जनता पार्टी से चुने गये। 1980 और 1985 में इंडियन नेशनल कांग्रेस से सतीश चंद्र जायसवाल का कब्जा रहा।
इसके बाद लगातार पांच बार भारतीय जनता पार्टी से केशरी नाथ त्रिपाठी 1989, 1991, 1993, 1996 एवं 2002 तक चुने गये। 1991 में दोबारा केसरीनाथ त्रिपाठी ने जनता दल प्रत्याशी को हराकर जीत दर्ज की। 1993 में उन्होंने सपा के अब्दुल नासिर खान को तथा 1996 में सपा के हरिओम साहू को हराया। 2002 में केसरीनाथ त्रिपाठी ने पांचवीं बार जीत दर्ज की। उन्होंने सपा के श्यामाचरण गुप्ता को 2075 मतों से हराया। 2007 में केसरीनाथ त्रिपाठी छठवीं बार विधायक के तौर पर जीत नहीं दर्ज कर सके। इस बार भाजपा के इस गढ़ में बहुजन समाज पार्टी ने सेंध लगा दी। बसपा प्रत्याशी नंद गोपाल गुप्ता ने केसरीनाथ त्रिपाठी को हराकर जीत दर्ज की। 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के हाजी परवेज अहमद ने जीत दर्ज की। उन्होंने बसपा के नंद गोपाल नंदी को 414 मतों के मामूली अंतर से हराया। 2017 में नन्दी बसपा छोड़ भाजपा से चुनाव लड़े और 93,011 मत पाकर विधायक चुने गये। जबकि सपा से हाजी परवेज 64,424 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे।
-जनसंख्या एवं जातीय समीकरण
प्रयागराज के दक्षिण विधानसभा सीट में मुस्लिम, वैश्य और ब्राह्मण समाज के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है, जो किसी पार्टी की जीत में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इस सीट पर 1974 में जहां 1,16,271 मतदाता थे वहीं 2017 में कुल 3,91,693 मतदाता हो गये। जबकि 2022 की गणना में 10,942 मतदाताओं की संख्या बढ़ी और कुल 4,02,635 मतदाता हो गये।