पीएम मोदी की साक्षी में रेतीले धोरों में सात मार्च को दुनिया देखेगी भारतीय वायु शक्ति का प्रदर्शन

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जयपुर, 3 मार्च (हि.स.)। पाकिस्तान की सरहद से लगती भारतीय सीमा के जैसलमेर जिले स्थित पोकरण में सात मार्च को भारतीय वायुसेना ऑपरेशन वायुशक्ति के जरिए अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल ह। प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों को लेकर गुरुवार को मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में बैठक होगी।

राजस्थान के पोकरण की रेगिस्तानी रेत में हर तीन साल में भारतीय वायुसेना अपना दमखम दिखाती है। विश्व की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना के इस युद्धाभ्यास में पहली बार राफेल लड़ाकू विमान भी शामिल होंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों को लेकर आज मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में बैठक होगी।

सात मार्च को पोकरण में होने वाले युद्धाभ्यास में 148 विमान अपना युद्ध कौशल दिखाएंगे। इस आयोजन को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सात मार्च को सुबह जैसलमेर पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री के मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम और व्यवस्थाओं की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव उषा शर्मा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देंगी। हालांकि, प्रधानमंत्री का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम अभी तक जारी नहीं हुआ है, लेकिन यह माना जा रहा है कि गुरुवार को होने वाली बैठक के बाद में कार्यक्रम जारी होगा।

वायुसेना के सह-प्रमुख (वाइस चीफ) एयर मार्शल संदीप सिंह ने पत्रकारों से ऑपरेशन वायुशक्ति के बारे में जानकारियां साझा की है। वायुसेना सह-प्रमुख के मुताबिक पाकिस्तान बॉर्डर से कुछ ही दूरी पर पोखरण में 7 मार्च को इस शक्ति प्रदर्शन में वायुसेना के कुल 148 एयरक्राफ्ट शामिल होंगे। कुल 148 विमानों में से 109 फाइटर जेट, 24 हेलीकॉप्टर और 7 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट शामिल हैं। इनमें से 18 एयरक्राफ्ट नाल एयरबेस से, 29 एयरक्राफ्ट फलोदी एयरबेस, 46 जोधपुर, 30 जैसलमेर, 21 उतरलाई, 2 आगरा और 2 हिंडन एयरबेस से उड़ान भरेंगे। इस पूरे फ़ायर पावर डेमो में सभी विमानों के लिए उनकी खसियत के हिसाब से टारगेट और एम्यूनेशन चुने गए हैं। आखिरी वायुशक्ति एक्सरसाइज वर्ष 2019 में हुई थी। पिछले साल कोरोना के चलते एक्सरसाइज नहीं हो पाई थी।

वायु शक्ति अभ्यास 2022 में लड़ाकू विमान जगुआर, राफेल, सुखोई-30, मिग-29, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस, मिग21 बिसन, हॉक32, एम200 शामिल होंगे, वहीं ग्लोब मास्टर समेत कई विमान भी अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे। इस अभ्यास में परिवहन विमान सी-17 और सी-130 जे हरक्यूलिस, चिनोक और एमआई 17 V5, एमआई 35, अपाचे भी भाग लेंगे। आकाश मिसाइल प्रणाली और स्पाइडर मिसाइल प्रणाली की क्षमताओं को भी प्रदर्शन किया जाएगा।

भारतीय वायु सेना फ्रांस के राफेल, मिराज 2000, स्वदेशी एलसीए तेजस, रूसी मिग 29 और सुखोई 30, जगुआर और मिग 21 की गरज से सभी का ध्यान आकर्षित करेगी। युद्धाभ्यास के दौरान आकाश मिसाइल प्रणाली और स्पाइडर मिसाइल प्रणाली की क्षमता का भी प्रदर्शन होगा। ये अपने लक्ष्य को नेस्तनाबूत कर देंगी। परिवहन विमान सी-17 और सी-130जे भी इस अभ्यास का हिस्सा होंगे। चिनूक हेलीकॉप्टर एक ‘अंडरस्लंग’ ऑपरेशन में एम-777 हॉवित्जर लेकर ऊंचाई तक उड़कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेगा। अपाचे हेलीकॉप्टर अपने मिसाइल राकेट के साथ, एमआई35 अपने 80 मिमी रॉकेट के साथ अपनी ताकत दिखाएंगे। अपने 70 मिमी रॉकेटों और 20 एमएम गन के साथ स्वदेशी हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर शामिल होगा। प्रदर्शन में कई नए प्लेटफॉर्म होंगे जो अत्याधुनिक सैन्य उड्डयन प्रौद्योगिकी को दर्शाएंगे।


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