पिछले लोकसभा चुनाव में नोटा के प्रयोग के मामले में तीसरे स्थान पर बिहार
पटना, 14 अप्रैल (हि.स.)। पिछले लोकसभा चुनाव से किसी भी उम्मीदवार को वोट न देने की स्थिति को दर्ज करने के लिए मतदाताओं को निर्वाचन आयोग द्वारा नोटा का विकल्प दिए जाने के बाद बिहार के मतदाताओं ने भी इसका जमकर इस्तेमाल किया। इस मामले में बिहार देशभर में तीसरे स्थान पर रहा।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार के कुल 3 करोड़ 58 लाख 92 हजार 452 मतदाताओं में से 5 लाख 80 हजार 964 मतदाताओं ने ईवीएम में नोटा का बटन दबाया। बिहार में सबसे ज्यादा नोटा का प्रयोग समस्तीपुर के मतदाताओं ने किया था। इस संसदीय क्षेत्र के 29,211 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया। राष्ट्रकवि दिनकर की धरती नोटा के मामले में दूसरे स्थान पर रही, जबकि खगड़िया तीसरे स्थान पर था। बेगूसराय के 26,622 और खगड़िया के 23,868 मतदाताओं ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नोटा का इस्तेमाल किया।
पिछले लोकसभा चुनाव में बेगूसराय लोकसभा सीट से भाजपा के भोला सिंह ने जीत दर्ज की थी। जबकि खगड़िया लोकसभा सीट से लोजपा उम्मीदवार महबूब अली कैसर जीते थे। इसबार के चुनाव में बेगूसराय में भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को मैदान में उतारा है। इस सीट पर गिरिराज सिंह का मुकाबला भाकपा उम्मीदवार कन्हैया कुमार और विपक्षी गठबंधन उम्मीदवार राजद के तनवीर हसन से है। खगड़िया में राजग की घटक लोजपा के उम्मीदवार महबूब अली कैसर एकबार फिर चुनाव मैदान में हैं।
बिहार में नोटा का सबसे कम इस्तेमाल कटिहार में हुआ था। इस सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के तारिक अनवर ने चुनाव में जीत दर्ज की थी। इसबार तारिक अनवर राकांपा की बजाय कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर फिर से चुनाव मैदान में हैं। आकड़ों के अनुसार कटिहार में 3287, पाटलिपुत्र में 4678 और नालंदा में 5452 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया किया। पिछले चुनाव में पाटलिपुत्र से भाजपा के रामकृपाल यादव और नालंदा से जनता दल (यू) के कौशलेन्द्र कुमार की जीत हुई थी। दोनों ही दलों ने इसबार भी अपने पुराने उम्मीदवारों पर भरोसा जताते हुए उन्हें दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने सबसे ज्यादा नोटा का प्रयोग किया। उसके बाद तमिलनाडु का स्थान दूसरे नम्बर पर था। उत्तर प्रदेश के कुल 8 करोड़ 11 लाख 18 हजार 615 मतदाताओं में से 5 लाख 92 हजार 331 ने नोटा का इस्तेमाल किया। जबकि तमिलनाडु के 4 करोड़ 06 लाख 44 हजार 282 मतदाताओं में से 5 लाख 81 हजार 782 मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया था।
देशभर में सबसे कम नोटा का प्रयोग लक्षद्वीप, दमन एवं दीव और अंडमान निकोबार में हुआ। लक्षद्वीप में 123 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया। दमन एवं दीव में 1316 और अंडमान निकोबार में 1564 मतदाताओं ने नोटा बटन दबाया। पूरे देश में 2014 के लोकसभा चुनाव में 55.41 करोड़ वोट डाले गए थे, जिसमें 60 लाख 2 हजार 942 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया।
चुनाव आयोग के नोटा से जुड़े आंकड़ों के प्रतिशत के विश्लेषण से साफ है कि मेघालय में नोटा का इस्तेमाल करने वाले मतदाताओं का प्रतिशत सबसे अधिक रहा और नागालैंड में सबसे कम। मेघालय में 2.80 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया, जबकि नागालैंड में 0.26 प्रतिशत। मेघालय के बाद 1.83 प्रतिशत के साथ छत्तीसगढ़ दूसरे और 1.62 के साथ बिहार तीसरे स्थान पर रहा।