पाकिस्तान में रुदन, भारत में अभिनंदन
पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान में रुदन की स्थिति है। जबकि पूरे विश्व में भारत का अभिनंदन हो रहा है। वैश्विक परिवेश में पाकिस्तान जहां पूरी तरह से अकेला होने की स्थिति की ओर जा रहा है, वहीं भारत के साथ विश्व के कई देश आकर खड़े हो रहे हैं। यह भारत के लिए गौरवशाली स्थिति का बोध कराता है। भारतीय वायुसेना के वीर सैनिकों के कारण भी पाकिस्तान की छीछालेदर हो रही है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं कही जाएगी कि पाकिस्तान जो भी करता है, भवावेश में आकर करता है। किसी भी कार्य के परिणामों के बारे में विचार भी नहीं करता है। भारत के वीर पायलट अभिनंदन के मामले में यही हुआ। अभिनंदन की वीरता की जितनी प्रशंसा की जाए, वह कम ही होगी।
अभिनंदन तुम्हारा अभिनंदन। अभिनंदन तुम्हारे शौर्य व पौरुष का। अभिनंदन तुम्हारी निडरता और साहस का। अभिनंदन तुमने यह प्रमाणित कर दिया कि तुम मां भारती की संतान हो। तुमने प्रमाणित कर दिया कि तुम्हारी रगों में छत्रपति शिवाजी का खून बहता है। तुमने यह प्रमाणित कर दिया कि तुम उस धरती के पुत्र हो जहां वीरांगना लक्ष्मीबाई, सुभाषचंद्र बोस, सरदार भगत सिंह जैसे वीर योद्धाओं ने जन्म लेकर समय- समय पर अपने पराक्रम का परिचय दिया। जिन वीर सपूतों ने भारत माता की रक्षा में सबकुछ न्यौछावर कर दिया। अभीतक त्याग और शौर्य की कहानियां किताबों में ही पढ़ी थी, तुमने भारत की वीर गाथाओं को फिर से जीवंत कर दिया।
पाकिस्तान का नाम आते ही जेहन में आतंकवादियों की परवरिश करने वाले देश की छवि सामने आती है। जिस धरती पर दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद जैसे खूंखार आतंकी शरण लेते हों, कल्पना कर सकते हैं कि ऐसे देश के कब्जे में रहनेवाले अभिनंदन की क्या स्थिति होगी लेकिन उस धरती पर अभिनंदन ने अपने हौसले की अमिट छाप छोड़ी है। अभिनंदन ने वहां पाकिस्तानी सैनिकों के सामने जिस धैर्य व साहस का परिचय दिया, उससे पूरे देश का मस्तक गर्व से ऊंचा हो गया। अभिनंदन ने बिना घबराए शालीनता के साथ अपना परिचय तो दिया लेकिन पाकिस्तान द्वारा अन्य जानकारी मांगने पर स्पष्ट शब्दों में बताने से इनकार कर दिया। इससे पहले अभिनंदन ने यह जानने के लिए कि वह भारत में हैं या पीओके में, देशभक्ति के नारे भी बुलंद किए। पाकिस्तान को भारत की किसी रणनीति का पता न चले इसलिए विंग कमांडर अभिनंदन ने अपने अहम दस्तावेज तालाब में डुबो दिए।
अभिनंदन पाकिस्तान के हाथ तब लगे जब पाकिस्तान के एफ-16 विमान को निशाना बनाते समय विंग कमांडर अभिनंदन का मिग-21 क्रैश हो गया। उन्हें पैराशूट का सहारा लेना पड़ा और इसी क्रम में वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जा गिरे। अभिनंदन पर भीड़ पथराव कर रही थी लेकिन उसने वहां भी अपनी भारतीयता का परिचय देते हुए सिर्फ हवा में गोलियां दागते हुए भीड़ को पीछे जाने को कहते रहे। उन्होंने पीओके में किसी भी निहत्थे पर गोलियां नहीं चलाई।
भारत की सुरक्षा नीति के कारण ही आज पाकिस्तान पीछे हटने को तैयार हुआ है। हालांकि पाकिस्तान की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि भारत की ओर से कोई भी कार्रवाई की गई तो पाकिस्तान उसका उचित जवाब देगा लेकिन वास्तविकता यही है कि पाकिस्तान इस बात को स्वयं भी जानता है कि वह भारत के हमले को सहन नहीं कर पाएगा। इसके पीछे यह भी कारण है कि पाकिस्तान आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है। इसी आर्थिक बदहाली के कारण पाकिस्तान के युवा आतंकी बनने के लिए आगे आ रहे हैं। पाकिस्तान में अगर भविष्य की संभावनाएं होती तो युवाओं के सामने भटकाव वाली स्थिति नहीं होती। दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों के समक्ष वहां की निर्वाचित सरकार की बहुत अहमियत नहीं है। इसका प्रमाण यह है कि पाकिस्तान की ओर से सरकार वार्ता की पेशकश करती है जबकि दूसरी तरफ उसी देश की सेना और आतंकी संगठन अपनी नापाक कार्रवाइयों को लगातार अंजाम दे रहे हैं।
भारत ने जिस तरह से आतंकवादियों पर हमला किया, उससे सबक लेते हुए पाकिस्तान ने अभिनंदन को मुक्त कर दिया है। आतंकियों पर भारत के हमले के बाद पाकिस्तान पर भारत सरकार और विश्व के कई देशों ने ऐसा दबाव बनाया कि पाकिस्तान के सामने अभिनंदन को रिहा करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। युद्ध जैसे हालात के बीच तनावग्रस्त पाकिस्तान को यह भी पता था कि अगर अभिनंदन को वापस नहीं किया गया तो भारत में और भी अभिनंदन पैदा हो सकते हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यदि सचमुच में शांति चाहते हैं और युद्ध नहीं चाहते हैं तो उन्हें अपने यहां पनप रहे आतंकवादियों को ठिकाने लगाना होगा। आतंकवाद को पोषित करने वाले अपने मूल चरित्र में सकारात्मक बदलाव लाकर ही पाकिस्तान यह साबित कर सकता है कि वास्तव में वह शांति की चाहत रखता है।