पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा को देखते हुए कल रात से चुनाव प्रचार पर रोक

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नई दिल्ली, 15 मई (हि.स.)। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति और हाल ही में हुई हिंसा पर सख्त रवैया अपनाते हुए राज्य की नौ लोकसभा सीटों पर 19 मई को अंतिम चरण में होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार को तय सीमा से एक दिन पहले ही समाप्त करने का फैसला किया है। इसके अलावा आयोग ने विवादास्पद पुलिस अधिकारी राजीव कुमार का दिल्ली तबादला कर दिया है। एक प्रशासनिक अधिकारी का भी तबादला भी किया गया है।

दिल्ली में निर्वाचन सदन में उप चुनाव आयुक्त चन्द्र भूषण कुमार ने प्रेसवार्ता कर बताया कि हाल के घटनाक्रम, राजनीतिक दलों के पक्ष और चुनाव अधिकारियों व विशेष पर्यवेक्षकों की राय पर निष्पक्ष, नैतिक, हिंसा से मुक्त और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए आयोग ने उक्त फैसले लिए हैं।

उप चुनाव आयुक्त ने कहा कि शायद पहली बार आयोग ने संविधान के अनुच्छेद-324 का प्रयोग करते हुए ऐसा सख्त कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि आयोग आगे भी कानून-व्यवस्था की लचर स्थिति और हिंसा को देखते हुए ऐसे सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं रहेगा। आयोग इस बात से बेहद दुखी है कि ईश्वर चंद विद्यासागर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया। उम्मीद है कि प्रशासन इसमें शामिल लोगों को कानून के दायरे में लाएगा।

आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में अंतिम चरण में पश्चिम बंगाल की नौ लोकसभा सीटों जयनगर, दमदम, बारासात, बशीरहाट, डायमंड हार्बर, मथुरापुर, कोलकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर, जाधवपुर पर होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार को एक दिन पहले समाप्त करने का निर्णय लिया है। आयोग का कहना है कि इन नौ सीटों पर गुरुवार 16 मई को रात 10 बजे से हर प्रकार के प्रचार पर प्रतिबंध होगा।

चुनाव आयोग ने सीआईडी के एडीजी विवादास्पद पुलिस अधिकारी राजीव कुमार को उनके पद से हटाते हुए उनका केन्द्रीय गृह मंत्रालय में तबादला कर दिया है। उन्हें कल सुबह 10 बजे तक गृह मंत्रालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में गृह और हिल मामलों के प्रधान सचिव आईएएस अत्रि भट्टाचार्य को चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप के लिए उनके पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है। अब राज्य के मुख्य सचिव उनके कार्यभार को संभालेंगे।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के कोलकाता के रोड शो में हिंसा हुई थी। इसमें कई लोग घायल हुए थे और ईश्वरचंद विद्यासागर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया था।

 


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