पंजाबः बैंकों ने किसानों को कर्ज देना कम किया, ऋण में 5420 करोड़ की गिरावट
चंडीगढ़, 18 मई (हि.स.)।चुनावी मौसम में राजनीतिक दल किसानों से सस्ता ऋण और कर्ज़ माफी के वायदे कर रहे हैं लेकिन तथ्य यह है कि बैंक अब किसानों को कर्ज़ देने से हाथ खींचने लगे हैं।यह स्थिति तब पैदा हुई है जब पंजाब सरकार द्वारा चलाई गई किसान ऋण माफी योजना के बावजूद बैंक डिफॉल्टर किसानों की संख्या में भारी-भरकम बढ़ोतरी दर्ज की गई।
दो दिनों पूर्व ही पंजाब के बैंकों द्वारा जारी रिपोर्ट में ये बात आई है कि पिछले वर्ष के मुकाबले राज्य के बैंकों ने किसानों को कृषि ऋण में 5420 करोड़ रुपए से अधिक की राशि में कमी की है। गंभीर बात ये है कि पंजाब सरकार द्वारा चलाई गई किसान ऋण माफी योजना के बावजूद पिछले वर्ष के मुकाबले डिफॉल्टर किसानों की संख्या 21 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 1,66,425 हो गई है और डिफॉल्ट राशि भी बढ़कर 8394 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। जबकि किसानों के सिर पर बैंकों का 80,267 करोड़ रूपए कर्ज है जो गत वर्ष के मुकाबले 8179 करोड़ रूपए कम है।
सरकारें अभी भी किसानों को बैंक ऋण में राहत देने की बात कर रही हैं। कृषि और इससे जुड़े बैंक ऋण, मौजूदा लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि बैंकों का पंजाब में बिजनेस कम हो रहा हो बल्कि गत वर्ष के मुकाबले राज्य के बैंकों ने एक वर्ष में अपने बिजनेस में 20585 करोड़ रुपये की वृद्धि की है। बैंकों में मार्च 2019 तक 3,69,068 करोड़ रूपए जमा हुए। पिछले कुछ वर्षों से पंजाब में किसानों और बैंकों के मध्य मजबूरी भरे संबंध चले आ रहे हैं। सरकारों द्वारा कर्ज माफी की योजनाओं के चलते ऐसा प्रभाव लगातार बनता रहा है कि सरकारें कभी न कभी किसानों के सारे कर्ज माफ करेगी ही इसलिए बैंकों की ऋण वसूली में गिरावट आती रही है।
पंजाब सरकार ने राज्य के 10 लाख से अधिक किसानों के कृषि ऋण माफ करने की प्रक्रिया जारी रखी हुई है और सरकार कह रही है कि अगर उसके खजाने में अधिक आय आती है तो कर्ज माफी का दायरा बढ़ाया जा सकता है। सरकार के यही लोक लुभावन व राजनीतिक फिकरे बैंकों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। पंजाब बैंकर्स कमेटी की 16 मई को चंडीगढ़ में हुयी बैठक में प्रस्तुत आंकड़े स्थिति का उल्लेख करते हैं। अपने दो साल के कार्यकाल में पंजाब सरकार ने अभीतक किसानों के कर्ज में से करीब 6000 करोड़ का ऋण बैंकों को अदा किया है परन्तु किसानों की तरफ डिफाल्टिंग राशि 31 मार्च, 2018 से मार्च, 2019 तक 6681 करोड़ से बढ़कर 8394 करोड़ रुपए हो गई है। बैंकर्स कमेटी की बैठक में इसबात पर गंभीर चिंता प्रकट की गई।