नहीं माने कर्नल बैंसला, जारी रहेगा गुर्जर आंदोलन
जयपुर (हि.स.)। प्रदेश में गुर्जर आरक्षण का मामला जल्द सुलझता नहीं दिख रहा है। राज्य सरकार के प्रतिनिधि बनकर शनिवार शाम को सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर गए पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और आईएएस नीरज के. पवन से वार्ता के बाद गुर्जरों से सहमति की डगर आगे बढ़ती नहीं दिखी। पूरी वार्ता में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला अड़े रहे कि वार्ता होगी तो इसी रेलवे ट्रैक से होगी। अब जयपुर आने का मतलब तब तक नहीं होगा, जब तक सरकार अपने वादे को पूरा नहीं करती है।
पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह भरतपुर संभाग के कद्दावर नेता हैं। भरतपुर करौली बेल्ट में उनका दबदबा हर समाज में दिखाई देता है। आईएएस नीरज के. पवन का दौसा और करौली से गहरा नाता है। ऐसे में इस बार पूरी उम्मीद थी कि जब पर्यटन मंत्री सिंह और आईएएस के. पवन कर्नल बैंसला और गुर्जर नेताओं के साथ बैंठेगे तो कोई सकारात्मक निर्णय जरूर सामने आएगा, लेकिन शाम को वार्ता के दौरान पर्यटन मंत्री सिंह पूरी तरह समझाते रहे कि जयपुर में दोनों पक्ष खुले दिमाग से बैंठेगे, हर मामले में खुलकर बात होगी। सरकार अपनी ओर से क्या प्रयास कर सकती है? इस पर भी पूरी चर्चा होगी, लेकिन कर्नल ने सरकार की हां के बिना उठने से इनकार कर दिया है।
पर्यटन मंत्री सिंह ने वार्ता समाप्त होने के बाद मीडिया से कहा कि वह राज्य सरकार से वार्ता के लिए यहां आए थे। जिन मुद्दों पर बातचीत हुई उनमें राज्य सरकार का पूरा पक्ष गुर्जर नेताओं के समक्ष रखा है। गुर्जर नेताओं की मांग के अनुसार वह समझौता करने के लिए पूरी तरह अधिकृत नहीं हैं। गुर्जर नेताओं का पक्ष मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे, इसके बाद सरकार तय करेगी कि इस मामले में गुर्जर समाज के लिए आगे राज्य सरकार के स्तर पर किस तरह की राहत मिल सकती है।
बातचीत में कुछ मुद्दों पर दिखी सहमति
सूत्रों की मानें तो बातचीत में कुछ मुद्दों पर गुर्जर नेता कर्नल बैंसला और सरकार के बीच आम सहमति बनी है। इसमें गुर्जरों को शैक्षणिक आरक्षण और कमजोर वर्ग के गुर्जर छात्रों के लिए विशेष वरीयता सहित अन्य बातों पर चर्चा हुई है। गुर्जर समाज आर्थिक आधार पर दिए गए आरक्षण की तर्ज पर आरक्षण मांग रहा है, लेकिन इस मामले में राज्य सरकार के लिए यह बात आसान नहीं है।
सरकार कानूनी जानकारों से ले रही राय
गुर्जर आरक्षण में राज्य सरकार के स्तर पर क्या प्रयास हो सकते हैं? इस संबंध में सरकार कानूनी जानकारों से राय ले रही है, ताकि इस मामले में गुर्जरों को तत्काल राहत मिल पाए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य सरकार के पूरे मामले में पक्ष और परेशानी सामने रख चुके हैं। इसके बावजूद आम जनता को इस आंदोलन से हो रही मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। रेल और बस सहित सभी यातायात सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।