देश में एक ही भावना से अलग-अलग रूपों में मनाए जाते हैं लोहड़ी-मकर संक्रांति: राष्ट्रपति
नई दिल्ली, 12 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को देशवासियों को लोहड़ी और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये सभी त्योहार पूरे देश में अलग-अलग रूपों से लेकिन एक ही भावना से मनाए जाते हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को अपने संदेश में कहा कि जब सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करता है और मौसम बदलने लगता है तब नई फसल का उत्सव मनाने का समय होता है।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ‘मैं, भारत और अन्य देशों में रह रहे सभी देशवासियों को लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल, भोगली बिहु, उत्तरायण और पौष पर्व पर हृदय से बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।’ उन्होंने कहा कि यह अवसर हमारे देश के किसानों तथा अन्य करोड़ों लोगों के कठिन परिश्रम और अथक प्रयासों की सराहना का होता है। मेरी शुभेच्छा है कि ये पर्व सभी लोगों की समृद्धि और खुशहाली का अवसर बनें और परस्पर भाईचारे की हमारी भावना को और मजबूत बनाएं।
उल्लेखनीय है कि मकर संक्रांति देश को देशभर में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। तमिलनाडु में ताइ पोंगल या उझवर तिरुनल के नाम से, गुजरात और उत्तराखण्ड में उत्तरायण, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में माघी, असम में इसे भोगाली बिहु के नाम से मनाया जाता है। कश्मीर में इसे शिशुर सेंक्रात नाम से मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में इस त्योहार को खिचड़ी कहा जाता है। वहीं, पश्चिम बंगाल में इसे पौष संक्रान्ति के नाम से तो कर्नाटक में मकर संक्रमण के नाम से मनाया जाता है।