देवरिया में गठबंधन की भाजपा को चुनौती, सेंधमारी में जुटी कांग्रेस
गोरखपुर, 13 मई (हि.स.)। देवरिया लोकसभा सीट पर लंबे समय तक दबदबा रखने वाली कांग्रेस का असर वर्ष 1991 के राम जन्मभूमि आंदोलन के बाद कम होने लगा। तब मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच होने लगा। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा से यह सीट झटकने वाली भाजपा को अब एक बार फिर गठबंधन उम्मीदवार के रूप में बसपा से चुनौती मिल रही है। कांग्रेस भी सेंधमारी का प्रयास कर रही है।
देवरिया के पहले सांसद विश्वनाथ राय ने लगातार चार बार इस सीट पर अपनी जीत दर्ज कराई। कांग्रेस के इस दिग्गज नेता ने 1952 से 57 तक पहले लोकसभा के लिए प्रतिनिधित्व किया। फिर विश्वनाथ राय ने 1957-62, 1962-67 और 1967-70 तक लोकसभा में यहां से लगातार प्रतिनिधित्व किया। यहां से राजमंगल पांडेय भी 1984 और 1989 में यहां से सांसद रहे। वर्ष 1991 के बाद मोहन सिंह जनता दल के टिकट पर 1991 में विजयी हुए। 1996 में लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने बाजी मारी। यहां पर भाजपा ने वर्ष 1996 के अलावा 1999, 2009 और 2014 में भी विजय का स्वाद चखा है। अब वर्ष 2019 में हो रहे लोकसभा चुनाव में सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवार अपने भाग्य को आजमा रहे हैं।
यहां से वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कलराज मिश्र ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की लेकिन अब इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार डॉ. रामपतिराम त्रिपाठी को गठबंधन (बसपा) उम्मीदवार विनोद जायसवाल से कड़ी चुनौती मिल रही है। कांग्रेस उम्मीदवार नियाज भी सेंधमारी कर लड़ाई को रोचक बनाने में जुटे हैं। विपक्षियों द्वारा डॉ. रामपतिराम त्रिपाठी को ‘बाहरी’ बताकर जीत की चुनौती को और कठिन बनाया जा रहा है।
संत देवरहा बाबा की धरती देवरिया लोकसभा सीट की उत्पत्ति ‘देवारण्य’ या ‘देवपुरिया’ से मानी जाती है। देवारण्य यानी देवताओं का निवास स्थल। इसे कई मंदिरों वाले स्थान के रूप में भी जाना जाता है। 16 मार्च 1946 को गोरखपुर के पूर्व-दक्षिण के कुछ हिस्से को अलग कर इस जनपद का दूसरा हिस्सा 13 मई 1994 को पडरौना जिला के रूप में अस्तित्व में आया। पडरौना जिले का नाम वर्ष 1997 में बदलकर कुशीनगर कर दिया गया।
यह भी जानें
आबादी – 31,00,946
पुरुष – 15,37,436
महिला – 15,63,510
ग्रामीण आबादी – 27,84,143
जाति के आधार पर
सामान्य व पिछड़ा वर्ग-81 प्रतिशत
अनुसूचित जाति-15 प्रतिशत
अनुसूचित जन जाति-04 प्रतिशत
धर्म के आधार पर
-88.10 प्रतिशत हिंदू
-11.60 प्रतिशत मुस्लिम
-अन्य 0.30 प्रतिशत
पांच विधानसभाओं से बना
देवरिया संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र देवरिया, तमकुही राज, फाजिलनगर, पथरदेवा और रामपुर कारखाना शामिल हैं। तमकुही राज और फाजिलनगर कुशीनगर जिले की विधानसभाएं हैं। देवरिया विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के जनमेजय सिंह विधायक हैं। 2017 के चुनाव में सपा के जेपी जायसवाल को 46 हजार 236 मतों से हराया। तमकुही राज से कांग्रेस के अजय कुमार लालू ने भाजपा के जगदीश मिश्रा को 18 हजार 114 मतों से हराकर कांग्रेस की सीट को बचाने में कामयाबी हासिल की।
फाजिलनगर विधानसभा सीट से भाजपा के गंगा सिंह कुशवाहा ने सपा के विश्वनाथ को 41 हजार 922 मतो से हराया था। पथरदेवा से भाजपा के सूर्य प्रताप शाही ने सपा के शाकिर अली को 42 हजार 997 मतों से हराया था। रामपुर कारखाना से भाजपा के कमलेश शुक्ला ने सपा के फासिहा मंजर गजाला लारी को 09 हजार 987 मतों से हराया।
वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव
2014 के लोकसभा चुनाव के समय देवरिया में 18 लाख 06 हजार 926 मतदाता थे। इसमें 09 लाख 97 हजार 314 पुरुष और 08 लाख 09 हजार 612 महिलाएं थीं। उस दौरान 09 लाख 71 हजार 557 यानी 53.80 मतदान हुआ। 53.10 प्रतिशत यानी 09 लाख 59 हजार 152 वोट मान्य हुए। 12 हजार 405 वोट यानी कुल मतों का 0.70 प्रतिशत नोटा में पड़ा।
किसको कितना वोट मिला
भारतीय जनता पार्टी के कलराज मिश्रा 51.10 प्रतिशत यानी 04 लाख 96 हजार 500 वोट पाकर विजयी रहे। बहुजन समाज पार्टी के नियाज अहमद को 02 लाख 65 हजार 386 यानी 27.30 प्रतिशत मत मिले थे। तीसरे स्थान पर सपा के बालेश्वर यादव को 01 लाख 50 हजार 852 यानी 15.50 प्रतिशत वोट मिले थे।