दुष्प्रचार के आरोप पर बोली शेहला, जांच करे सेना तो देंगी सबूत

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शेहला गुरुवार को दिल्ली के जंतर मंतर में विपक्ष की ओर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने और वहां के नेताओं को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में हुए धरने में शामिल हुई थी।



नई दिल्ली, 22 अगस्त (हि.स.)। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ नेता शेहला रशीद ने गुरुवार को सेना और प्रशासन पर ट्वीट के माध्यम से लगाए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वह सेना के सामने अपने दावों से जुड़े सबूत पेश करने को राजी है, लेकिन सेना को भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। इस दौरान शेहला मीडिया के तीखे सवालों और खुद को दुष्प्रचार का वाहक कहे जाने पर नाराज भी नजर आई।

शेहला गुरुवार को दिल्ली के जंतर मंतर में विपक्ष की ओर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने और वहां के नेताओं को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में हुए धरने में शामिल हुई थी। इससे इतर पत्रकारों से बातचीत में शेहला ने कहा कि उनकी ओर से किए गए सभी दावे लोगों से की गई सत्यापित बातचीत से निकलकर आए हैं। कश्मीर के हालात वैसे नहीं है जैसा की सरकार दिखा रही है।

शेहला ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में कई अन्य बयान भी दे चुकी हैं, लेकिन केवल इन्ही पर ही आपत्ति क्यों की जा रही है और सेना को उनके बयान पर आपत्ति क्यों है। वह सेना से मांग करती है कि मामले की जांच हो जिसमे वह शामिल होने को तैयार हैं। वह इस संबंध में सबूत सेना को मुहैया कराएंगी और अगर उनके सबूत सही साबित होते हैं तो सेना को भी कार्रवाई करने का आश्वासन देना होगा।

शेहला ने ट्वीटर के माध्यम से सेना पर जम्मू-कश्मीर में लगे कर्फ्यू के दौरान लोगों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था। वहीं सेना ने इसे दुष्प्रचार बताया था।

 


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