दंतेवाड़ा में 120 इनामी सहित 480 नक्सली कर चुके हैं आत्मसमर्पण
पुलिस का दावा कि दरभा का इलाका वर्ष 2022 में नक्सल मुक्त हो जायेगा
आत्मसमर्पित व नक्सल पीड़ित परिवारों के आवास परिसर का 26 को लोकार्पण
दंतेवाड़ा, 2 जनवरी (हि.स.)। जिले में पुलिस का लोन वर्राटू यानी घर वापस आइए अभियान वर्ष 2020 में शुरू किया गया। इस अभियान के तहत अब तक 480 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। अब तक जिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, उनमें 416 पुरुष, तो 64 महिला हैं। इनमें दो करोड़ पांच लाख रुपये के कुल 120 इनामी नक्सली भी शामिल हैं।
इस बीच आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए पुलिस लाइन कारली में शहीद महेंद्र कर्मा कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। दंतेवाड़ा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 26 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस कॉलोनी का लोकार्पण करेंगे। इस कॉलोनी में आत्मसमर्पित नक्सलियों के साथ नक्सल पीड़ित परिवार भी रहेंगे। यहां आत्मसमर्पित तथा नक्सल पीड़ित परिवारों को एक ही परिसर में आवास और रोजगार की सुविधा उपलब्ध होगी।
नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा देश का पहला ऐसा जिला है, जहां पुलिस की ओर से नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे किसी अभियान के तहत इतनी बड़ी सफलता मिली है।
उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों की पूर्वी बस्तर, माड़, पश्चिमी बस्तर, उत्तर बस्तर और दरभा डिवीजन मिलाकर नक्सलियों की पांच सबसे मजबूत कमेटी हैं। इनमें से दरभा डिवीजन के अंतर्गत कांगेर वैली, कटेकल्याण और मलांगिर एरिया कमेटी आती हैं। पिछले कुछ वर्षों में पुलिस से इन्हीं इलाके में सबसे ज्यादा मुठभेड़ हुए हैं। साथ ही कई नक्सलियों ने दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में आत्मसमर्पण भी किये हैं। पुलिस का दावा है कि दरभा डिवीजन में नक्सलियों के 200 से ज्यादा छोटे बड़े कैडर के नक्सली थे। बस्तर में नक्सलियों का सबसे मजबूत दरभा डिवीजन कमेटी लगभग खाली हो गया है, जिनमें से वर्तमान में कुछ ही नक्सली बचे हैं। दावा है कि वर्ष 2022 में यह इलाका नक्सल मुक्त हो जायेगा।