तृणमूल से बिना पूछे अविश्वास प्रस्ताव लाने से ममता नाराज!

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कोलकाता, 19 जुलाई (ही.स.)। तृणमूल कांग्रेस से बिना पूछे अविश्वास प्रस्ताव लाने से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज बताई जाती हैं| हालांकि उन्होंने अपने सांसदों को वोटिंग में भाग लेने और सरकार के खिलाफ मतदान करने को कहा है| यह बात टीएमसी के एक सांसद ने ही हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कही|
केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर 20 जुलाई यानी शुक्रवार को चर्चा होने की वजह से अब यह साफ हो गया है कि तृणमूल के सभी 34 सांसद 21 जुलाई को कोलकाता में होने वाली तृणमूल की ऐतिहासिक जनसभा में 1 दिन पहले हाजिर नहीं हो पाएंगे। तृणमूल के एक सांसद ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें स्पष्ट निर्देश दिया है कि केंद्र के खिलाफ होने वाले अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में तृणमूल के सभी सांसद देर रात तक हाजिर होंगे और विपक्ष के समर्थन में अपना मतदान करेंगे। इसके लिए बुधवार की देर रात तृणमूल की ओर से आवश्यक निर्देशिका (ह्विप) भी जारी कर दी गई है। इसमें साफ कहा गया है कि तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा में सभी 34 सांसद सदन में मौजूद रहेंगे एवं केंद्र सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे। उक्त सांसद ने यह भी बताया कि कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव से ममता बनर्जी खुश नहीं है| बावजूद इसके व्यापक विपक्षी हित में उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का फैसला लिया है। दरअसल बुधवार को जैसे ही कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने सदन में स्वीकार किया तृणमूल समेत सीपीएम, टीडीपी, कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां में से किसी ने भी यह सोचा नहीं था कि एक बार में ही केंद्र की सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार हो जाएगी। इसके बाद ऊहापोह में पड़ी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नवादा में अपने सलाहकारों के साथ विशेष बैठक की थी एवं सभी सांसदों से बात की थी। ममता बनर्जी ने इस बात पर बेहद नाराजगी जताई कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद जब केंद्र सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार हो गई उसके बाद कांग्रेस की ओर से तृणमूल को इसका समर्थन देने के लिए कहा गया। प्रस्ताव लाने से पहले न तो ममता बनर्जी से इस पर राय ली गई और न ही इसके उद्देश्य के बारे में तृणमूल को बताया गया है। बावजूद इसके विपक्षी एकता को मजबूती देने के लिए ममता बनर्जी ने अपने सभी सांसदों को स्पष्ट निर्देश दे दिया है कि 20 जुलाई यानी शुक्रवार को इस पर होने वाली चर्चा में जोर-शोर से भाग लें। माना जा रहा है कि इस पर देर रात तक चर्चा हो सकती है। इसे लेकर भी ममता ने स्पष्ट कर दिया है कि जितनी रात तक चर्चा हो, सभी सांसदों को हाजिर रहना है और केंद्र सरकार के खिलाफ मतदान करना है। दूसरे दिन यानी 21 जुलाई को शहीद मीनार मैदान में तृणमूल की ऐतिहासिक जन सभा होनी है। इसमें हाजिर होने संबंधी सवाल करने पर ममता ने स्पष्ट किया है कि अविश्वास प्रस्ताव में हाजिर होना सबसे पहले जरूरी है। उसके बाद अगर संभव हो तो तृणमूल के सभी सांसद 21 जुलाई की सुबह विशेष विमान से दिल्ली से कोलकाता आएंगे और सीधे शहीद मीनार मैदान पहुंच जाएंगे। ज्ञात हो कि उक्त सांसद ने बताया कि इस अविश्वास प्रस्ताव का लाभ भारतीय जनता पार्टी को अधिक मिलना है क्योंकि विपक्ष की हार होगी। बावजूद इसके तृणमूल सुप्रीमो ने इसमें हिस्सा लेने का निर्णय लिया है। हालांकि पार्टी की औपचारिक नाराजगी गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस तक पहुंचा दी गई है।
इस बारे में पूछने पर भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि ममता बनर्जी राष्ट्रीय राजनीति में ऊपर उठने के लिए हाथ पैर मार रही हैं। कांग्रेस तो क्या कोई भी पार्टी उन्हें पूछ नहीं रही है| फिर भी जबरदस्ती कांग्रेस के पीछे चल रही हैं। यही उनकी असली क्षमता है। आने वाले लोकसभा चुनाव में बंगाल के लोग ममता बनर्जी को सबक सिखाएंगे।


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