तय होने के बाद भी शिवपाल भाजपा में नहीं गए ,अब नई पार्टी के मार्फत मदद करेंगे

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नई दिल्ली, 02 सितम्बर (हि.स.)। कभी सपा व उसके नेता मुलायम सिंह यादव के लिए तलवार भांजने वाले अमर सिंह इन दिनों नरेन्द्र मोदी व उनकी भाजपा के लिए तलवार भांज रहे हैं। कोई भी बात लंबे समय तक मन में नहीं रखने वाले और जब उनके मन की नहीं हो तब उसे उजागर कर देने वाले अमर सिंह ने 28 अगस्त 2018 को लखनऊ में यह खुलासा कर दिया कि उन्होंने तो शिवपाल के लिए भाजपा में उच्चस्तर पर बात कर लिया था, लेकिन जिस दिन शिवपाल को भाजपा में शामिल होना था, तय समय पर वह नहीं आए।
अमर सिंह ने कहा है कि 2019 के चुनाव में वह भाजपा का समर्थन करेंगे । अमर सिंह के यह उजागर करने के एक दिन बाद शिवपाल यादव ने 29 अगस्त 2018 को अपनी नई पार्टी “समाजवादी सेकुलर मोर्चा” की घोषणा कर दी। अमर सिंह “समाजवादी सेकुलर मोर्चा” में कब जाते हैं ,इस पर कयास लगाया जाने लगा है। इस बारे में शिवपाल व उनके सिपहसालार कुछ भी कहने से कन्नी काट रहे हैं। सपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता हरी यादव का कहना है कि शिवपाल को मुलायम ने इतना सबकुछ दिया, उसके बाद भी वो शांति नहीं है।
सपा व बसपा राज में ऐसे तमाम नेताओं ने ऐसा बहुत कुछ किया है। जिसके चलते इनको वर्तमान सत्ता से डर है कि कई मामलों में जांच कराकर ,सीबीआई ,आयकर ,इईडी का छापा डलवाकर अंदर कर सकती है। इससे डरे ऐसे नेता वर्तमान सत्ता के इशारे पर कुछ भी करने को तैयार हैं। इस बारे में सपा के कुछ नेता कहने लगे हैं कि देखना है शिवपाल की नई नवेली पार्टी में मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता , उनका पुत्र प्रतीक व बहू अर्पणा इसमें शामिल होते हैं या नहीं। उम्मीद तो इन सबका शिवपाल की पार्टी के साथ एकजुट हो, अखिलेश यादव की सपा का वोट काटकर भाजपा की मदद करने की है।
इस मुद्दे पर समाजवादी विचारक डॉ. सुरेन्द्र प्रताप का कहना है कि अखिलेश यादव को सपा को नए सिरे से खड़ा करना होगा। उनके लिए यह कई तरह से संघर्ष का समय है। समाजवादी पार्टी जिसे मुलायम सिंह ने अपने दाव – पेच व मेहनत से खड़ा किया है , जो अखिलेश को उनका पुत्र होने के कारण विरासत में मिल गई है , उसको बचाने और आगे बढ़ाने के लिए अखिलेश यादव को वर्तमान केन्द्र व राज्य सत्ता से डरे बिना , सड़क पर उतर कर बहुत मेहनत करनी पड़ेगी । आरामतलबी से राजनीति करने से सपा खड़ी नहीं होगी। क्योंकि अब उनकी लड़ाई मायावती से नहीं है । उनकी लड़ाई है नरेन्द्र मोदी , अमित शाह , योगी आदित्यनाथ से , जो रात-दिन एक करके 24 घंटे को 48 घंटे बनाकर राजनीति कर रहे हैं।


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