तमिलनाडु के अयोग्य विधायकों की याचिका खारिज
नई दिल्ली, 27 जून (हि.स.) सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु विधानसभा के अयोग्य ठहराए गए 18 विधायकों का मामला मद्रास हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने वाली याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट के एक तीसरे और नए जज- जस्टिस एम. सत्यनारायण को याचिका पर अपनी राय देने का आदेश दिया है।
अयोग्य ठहराए गए विधायकों के मामले में मद्रास उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच द्वारा 1-1 से विभाजित फैसला देने के बाद उच्च न्यायालय ने जस्टिस विमला को इस मसले पर अपनी राय देने का निर्देश दिया था बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वे अपनी याचिका से इस आरोप को वापस लें कि मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने के छह महीने के बाद फैसला सुनाया।
वेकेशन बेंच के सदस्य जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि फैसला सुरक्षित रखने के चार महीने और तीन हफ्ते के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था। दरअसल तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य ठहराये गए इन विधायकों ने न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी।
वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कोर्ट को बताया कि मद्रास हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा 1-1 के विभाजित फैसले की वजह से ताजा चुनाव कराने में छह महीने की और देर हो सकती है। उल्लेखनीय है कि कि तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष ने एआईएडीएमके के 18 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। स्पीकर के इस फैसले के खिलाफ इन 18 विधायकों ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। पिछले 14 जून को मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने 1-1 से विभाजित फैसला दिया।
जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने स्पीकर के फैसले पर मुहर लगाई थी जबकि बेंच के दूसरे जज एम सुंदर ने स्पीकर के फैसले को निरस्त कर दिया था । इसके बाद डिवीजन बेंच ने तीसरे जज जस्टिस विमला को इस मामले पर अपनी राय देने का निर्देश दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने भी यही फैसला बरकरार रखा है।