टूजी घोटाला: जवाब दाखिल नहीं करने पर आरोपितों को 3-3 हजार पेड़ लगाने के आदेश

0

नई दिल्ली  (हि.स.)। टू-जी घोटाला मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपितों को बरी किए जाने के खिलाफ सीबीआई द्वा याचिका पर जवाब दाखिल नहीं करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पांच आरोपितों को तीन-तीन हजार पेड़ लगाने का आदेश दिया है। ये पेड़ दक्षिणी दिल्ली के इलाके में लगाए जाएंगे। जस्टिस नाजिम वजीरी ने जिन आरोपितों को पेड़ लगाने का आदेश दिया है, उनमें स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद बलवा, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर राजीव अग्रवाल के अलावा तीन कंपनियों डीबी रियल्टी, डायनामिक्स रियल्टी और निहार कंस्ट्रक्शन शामिल हैं।
जस्टिस नाजिम वजीरी ने सभी आरोपितों को 15 फरवरी को वन विभाग के उप संरक्षक के समक्ष पहुंचकर उस भूमि का पता करने का निर्देश दिया, जहां ये पेड़ लगाए जाएंगे। कोर्ट ने कहा कि ये सभी पौधे देसी होंगे और उनका रखरखाव और देखभाल आगामी मानसून तक करना होगा। साथ ही पेड़ लगाने के साक्ष्य के लिए उनके फोटोग्राफ कोर्ट में अगली सुनवाई को दाखिल करने होंगे। कोर्ट ने सभी आरोपितों को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया। मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी।
इस मामले में सीबीआई ने ए. राजा औऱ कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपितों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। 02 अगस्त,2018 को मामले की सुनवाई के दौरान एस्सार समूह के प्रमोटर्स रुईया बंधुओं ने जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की थी। फिर 25 मई,2018 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपितों को नोटिस जारी किया था। हाईकोर्ट ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की अपील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपितों को नोटिस जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर,2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपितों को बरी कर दिया था। जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है।


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *