जॉब्स के आंकड़े पर भाजपा-कांग्रेस में घमासान, नीति आयोग ने कहा-अभी डेटा फाइनल नहीं

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नई दिल्ली  (हि.स.)। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के कथित आकंड़ों पर आधारित मीडिया रिपोर्ट आने के बाद भाजपा-कांग्रेस के बीच घमासान मच गया है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक रिपोर्ट को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला, जिसके बाद गुरुवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने लीक हुई रिपोर्ट पर प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि सरकार ने अभी जॉब्‍स पर डेटा रिलीज ही नहीं किया है और अभी यह प्रक्रिया में है। जब जॉब डेटा तैयार हो जाएगा तो हम इसे जारी करेंगे।
जॉब्‍स डेटा अभी तैयार नहीं,ा तैयार जारी करेंगे
दरअसल कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने एक रिपोर्ट जिसमें ये दावा किया गया है कि 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी रही, जो कि पिछले 45 सालों में सबसे ज्‍यादा है। इसी रिपोर्ट के आधार पर राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उस रिपोर्ट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने खारिज करते हुए कहा कि सरकार ने जॉब्स पर डेटा रिलीज ही नहीं किया है। ये अभी प्रक्रिया में है, जब डेटा तैयार हो जाएगा तो हम इसे जारी करेंगे।
आयोग ने दी ये सफाई, कहा मार्च में जारी करेंगे डेटा
नति आयोग के उपाध्यक्ष ने बताया कि ईपीएफओ ने कहा कि जो भी खबर या रिपोर्ट मीडिया में छपी है, उस पर कोई कमेंट नहीं चाहते हैं, क्‍योंकि ऐसा कोई भी डेटा सरकार की तरफ से रिलीज नहीं किया गया है। राजीव कुमार ने कहा कि आपको तिमाही डेटा के आने तक इंतजार करना होगा। अच्छी गुणवत्ता की नौकरियों की काफी कमी है, जिस पर हम लगातार काम कर रहे हैं।
7-7.8 मिलियन नौकरियां दी गईंं लेकिन इतनी और जरूरत
नीति आयोग के मुताबिक 7-7.8 मिलियन नौकरियां दी गईं लेकिन देश को अब भी 7 मिलियन नौकरियों की जरूरत है। भारत में नौकरियों का तरीका बदल रहा है। ऐप बेस्ड नौकरियां बढ़ रही हैं। ओला-उबर में पिछले कुछ समय में करोड़ों भारतीय ड्राइवरों ने रजिस्टर करवाया है। पिछले 4 साल में ओला-उबर ने 2.2 मिलियन नौकरियां दी हैं। मार्च तक नीति आयोग नई रिपोर्ट जारी करेगा। रोजगार को लेकर अभी आंकड़े तैयार हो रहे हैं।
लीक डेटा प्रामाणिक नहीं, इसे फाइनल मानना सहीं नहीं
राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि डेटा कलेक्शन का तरीका अब अलग है। दो डेटा सेटों के बीच में तुलना करना सही नहीं है। यह डेटा प्रमाणित नहीं है। इस रिपोर्ट को फाइनल के तौर पर मानना सही नहीं है।
राहुल गांधी ने बताया था राष्ट्रीय त्रासदी
इससे पहले राहुल गांधी ने दावा किया कि हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा करने वाले प्रधानमंत्री का रिपोर्ट कार्ड ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ के रूप में सामने आया है। राहुल ने ट्वीट कर कहा था कि नौकरी नहीं है। फ्यूरर (हिटलर) ने हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था। पांच साल बाद रोजगार सृजन पर लीक हुई रिपोर्ट से राष्ट्रीय त्रासदी सामने आई है। उन्होंने दावा किया था कि बेरोजगारी की दर 45 वर्षों के सबसे उच्चतम स्तर पर है। अकेले 2017-18 में 6.5 करोड़ युवा बेरोजगार थे।
राष्‍ट्रीय सांख्यिकी आयोग के सदस्‍यों का इस्‍तीफा
दरअसल एनएसएसओ के दो सदस्‍यों के इस्‍तीफे पर राहुल ने कहा कि नरेंद्र मोदी के जाने का समय आ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने संबंधित खबर भी शेयर की और कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने जॉब्स पर एनएसएसओ रिपोर्ट को रोकने का सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यही वजह है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के सदस्यों ने इस्तीफा दिया है।
राहुल के हिटलर के जवाब में भाजपा का मुसोलिनी
राहुल गांधी के ट्वीट का जवाब भारतीय जनता पार्टी ने भी दिया। भाजपा ने ट्वीट पर लिखा कि ये साफ है कि राहुल ने मुसोलिनी की दूरदर्शिता को अपना लिया है लेकिन ईपीएफओ का डाटा दिखाता है कि पिछले पंद्रह महीने में ही नौकरियों में बढ़ोतरी हुई है। एक व्यक्ति जिसने कभी कोई नौकरी नहीं की है, वह इस तरह की फेक न्यूज फैला रहा है।


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