जेट एयरवेज को नहीं मिली इमरजेंसी फंडिग, सभी उड़ानें बंद

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नई दिल्ली, 18 अप्रैल (हि.स.)। आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज कंपनी ने बैंकों से इमरजेंसी फंडिग न मिलने से सभी उड़ानें अस्थाई तौर पर बंद कर दी हैं। ऐसे में जेट का संकट और बढ़ गया है। अब तक उसके 400 पायलट नौकरी छोड़ चुके हैं। अब जेट के पास महज 1,300 पायलट ही रह गए हैं।
उल्लेखनीय है कि जेट एयरलाइन की आखिरी उड़ान बुधवार रात 10.30 बजे रवाना हुई। जेट की आखिरी उड़ान अमृतसर से मुंबई के लिए थी। इसके साथ ही जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारियों के भविष्‍य का सवाल उठ खड़ा हुआ है। पिछले सात साल में बंद होने वाली यह छठी और दूसरी बड़ी एयरलाइन है। साल 2012 में माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस कंपनी बंद हुई थी। उसके बाद एयर पेगसस, एयर कोस्टा, एयर कार्निवल और जूम एयर को ऑपरेशंस बंद करने पड़े थे।
जेट के सीईओ विनय दुबे ने कर्मचारियों को कोई ठोस आश्‍वासन नहीं दिया है, वहीं कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपने रोजगार को बचाने की अपील की है। जेट एयरवेज पर करीब 8000 करोड़ रुपये का बकाया है। पिछले 25 मार्च को जेट के चेयरमैन नरेश गोयल ने एसबीआई के नेतृत्‍व वाली बैंकों के समूह के साथ हुए समझौते के बाद अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया था। इसके तहत जेट कंपनी को 1500 करोड़ रुपये बैंकों को देने थे, जिसे बैंक समूह ने नहीं दिया। इसके बाद सीईओ विनय दुबे ने बैंकों से आपातकालीन फंड 400 करोड़ रुपये की मांग की। उसे भी बैंकों ने बुधवार को देने से इनकार कर दिया था।


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