जवाहरलाल नेहरु मेमोरियल फंड को खाली करने संबंधी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग
नई दिल्ली, 29 जनवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली के तीनमूर्ति भवन स्थित जवाहरलाल नेहरु मेमोरियल फंड (जेएनएमएफ ) को खाली करने के केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर जल्द सुनवाई करने की मांग की है।
दरअसल इस मामले पर सुनवाई लगातार टल रही है। पिछले 23 जनवरी को हाईकोर्ट ने सुनवाई टाल दी थी और अगली सुनवाई 19 फरवरी को करने का आदेश दिया था।
इसके पहले भी 9 जनवरी को भी कोर्ट ने सुनवाई टाल दी थी। 4 दिसंबर 2018 को भी कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई टाल दी थी। उसके पहले 16 नवंबर 2018 को केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया था। केंद्र सरकार ने कहा था कि नेहरू मेमोरियल फंड जिस जमीन पर है वह तब से सरकार की है जब से राष्ट्रीय राजधानी का गठन हुआ था।
अपने जवाब में केंद्र सरकार ने कहा था कि नेहरू मेमोरियल फंड वैसा कोई भी दस्तावेज देने में नाकाम रहा जिससे यह साबित हो कि वह इस परिसर का इस्तेमाल कर सकता है। नेहरु मेमोरियल फंड तीन मूर्ति भवन इस्टेट पर स्थित है जो पूरे तरीके से केंद्र सरकार के अधिकार में है।
1 नवंबर 2018 को हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के आदेश पर रोक लगा दिया था। नेहरू मेमोरियल फंड ने केंद्र के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नेहरू मेमोरियल फंड की अध्यक्ष वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने 23 अक्टूबर 2018 को जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड को 15 दिन में तीन मूर्ति भवन का परिसर खाली करने का आदेश दिया था| इसी आदेश के खिलाफ जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड ने हाईकोर्ट का रुख किया है।
जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड की स्थापना 1964 में की गई थी| यह 1967 से तीन मूर्ति भवन में स्थित है। जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड को हटाने के लिए दिए गए नोटिस में शहरी विकास मंत्रालय ने कहा है कि वह 25 एकड़ के तीन मूर्ति भवन के परिसर में देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों का संग्रहालय बनाने की योजना बना रही है। इस संग्रहालय को बनाने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत होगी।