जय जवान-जय किसान की अवधारणा हरियाणा में होती है चरितार्थ : रामनाथ कोविंद
सोनीपत, 17 फरवरी (हि.स.)। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि देश के किसान जिस तरह खाद्य सुरक्षा में योगदान देते हैं, उसी तरह जवान देश की सुरक्षा में अपना योगदान देते है। जय जवान-जय किसान की अवधारणा हरियाणा में ही चरितार्थ होती है। प्रति व्यक्ति दुग्ध उत्पादन में हरियाणा देश भर में दूसरे स्थान पर है। सेंट्रल पूल में 14 करोड़ क्विटंल की भागेदारी, छोट राज्य और बड़ा योगदान।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को गन्नौर में आयोजित एग्री लीडरशिप सम्मिट में किसानों को संबोधित कर रहे थे। हरियाणा के तीन किसानों को पद्मश्री दिए जाने पर राष्ट्रपति ने प्रशंसा करते हुए कहा कि सफल किसानों से सबको प्रेरणा लेनी चाहिए। एग्री सम्मिट में 14 देशों के किसान हिस्सा ले रहे हैं, जो सराहनीय बात है। देश के किसान विदेशी तकनीक से खेती करने के तरीकों से रूबरू होंगे और विदेशी भी देश की उन्नत कृषि मॉडल को जान सकेंगे।
एगी सम्मिट की सफलता पर राष्ट्रपति ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री सहित पूरी हरियाणा सरकार को बधाई दी। राष्ट्रपति ने किसान एप की लॉचिंग को किसान हितैषी कदम बताया।
राष्ट्रपति ने कहा कि हरियाणा की 65 से 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। विश्व को चावल उपलब्ध कराने में हरियाणा का अहम योगदान है।
राष्ट्रपति ने किसानों को आह्वान किया कि पानी की हर बूंद का समुचित उपयोग करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई पर विशेष फोकस देना होगा। कृषि में ऐसा वातावरण बनाना, जहां अन्य क्षेत्र के उद्यमी भी कृषि की ओर आकर्षित हों। परंपरागत खेती के साथ आधुनिक टेक्नालॉजी को समन्वय करने से किसान
लाभांवित होंगे। नई सोच के साथ कृषि में निरंतर इनोवेशन की आवश्यकता है। एग्री सम्मिट से किसानों को नए तौर तरीके से खेती करने की जानकारी मिली है, इससे उपयोग में लाना जरूरी है।