चीन के आर्थिक आंकड़े उत्साहजनक नहीं होने के साथ कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट

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लॉस एंजेल्स, 14 जनवरी (हि.स.) चीन के आर्थिक आंकड़े उत्साहजनक नहीं होने की ख़बरों के साथ ही कच्चे तेल की क़ीमतों में गिरावट शुरू हो गई है। ब्रेंट क्रूड ऑयल की क़ीमत चंद घंटों में सत्तर सेंट नीचे गिर कर 59.78 डाॅलर प्रति बैरल हो गई, जबकि टेक्सास बेंच मार्क साठ डाॅलर प्रति बैरल से घट कर 51.49 डाॅलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है। अमेरिका के बाद चीन दूसरा बड़ा तेल आयातक देश है।चीन में इसका असर कच्चे तेल के आयात पर भी पड़ेगा।
चीन के आर्थिक आंकड़े सोमवार को जैसे ही जारी हुए, एशियाई शेयर बाजार में भी गिरावट का दौर शुरू ओ गया।शंघाई और शेनजन के साथ दक्षिण कोरिया, हांगकांग और सिंगापुर शेयर बाजारों में विभिन्न शेयर सूचकांक में कमी देखी गई। चीनी आर्थिक आंकड़ों में कहा गया है कि साल 2016 के बाद यह पहला मौक़ा है, जब उसके निर्यात में ग्यारह प्रतिशत की गिरावट आई है, हालांकि चीन ने साल 2017 की तुलना में अमेरिका को साल 2018 की अवधि में 17 प्रतिशत अधिक निर्यात किया है।
विदित हो कि विएना में तेल उत्पादक देशों ”ओपेक” और ग़ैर ओपेक देशों ने एक जनवरी, 2017 से कच्चे तेल के उत्पादन में बारह लाख बैरल प्रति दिन कटौती किए जाने का फ़ैसला किया था ताकि तेल की क़ीमतों में गिरावट पर अंकुश लगाया जा सके। ईरान और वेंजुएला को छोड़ कर ओपेक देशों को हर दिन आठ लाख बैरल और ग़ैर उत्पादक देशों में रूस, कनाडा आदि को प्रति दिन चार लाख बैरल तेल उत्पादन में कटौती किए जाने का फ़ैसला किया गया था।
इतना ही नहीं अबू धाबी में एटलांटिक काउंसिल की ग्लोबल एनर्जी फ़ोरम की बैठक में सऊदी अरब के तेल मंत्री ने स्पष्ट किया था कि कच्चे तेल की क़ीमतों में उथल- पुथल पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि तेल की क़ीमत 60 से 86 डॉलर प्रति बैरल के बीच बनाए रखने का प्रयास होना चाहिए।उधर, विश्लेषकों का मत है कि सऊदी अरब अपने बजट घाटे को पूरा करने के लिए इस कोशिश में है कि कच्चे तेल की क़ीमतें 75 से 80 डाॅलर प्रति बैरल तक स्थिर हो जाए।


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