चिटफंड घोटाला: कोलकाता में हाईवोल्टेज ड्रामा, सीबीआई टीम के साथ बदसलूकी, धरने पर ममता
कोलकाता (हि.स.)। रविवार शाम कोलकाता में हाईवोल्टेज ड्रामा के बीच उस समय बड़ी प्रशासनिक टकराव की स्थिति बन गई जब अरबों रुपये के सारदा और रोज वैली चिटफंड मामले में साक्ष्य मिटाने के आरोपित कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर सीबीआई की टीम जा पहुंची। जैसे ही शेक्सपियर सरणी थाना अंतर्गत लावडन स्ट्रीट में स्थित राजीव कुमार के घर सीबीआई की टीम पहुंची, उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया।
डीसी साउथ मिराज खालिद के नेतृत्व में दो आईपीएस अधिकारियों ने सीबीआई के डीएसपी तथागत वर्धन के साथ पहुंची 20 से अधिक सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस आयुक्त के घर के सामने से थोड़ी दूर ले गई और उनसे पूछताछ करने अथवा पुलिस आयुक्त के घर में तलाशी लेने संबंधी वारंट मांगा। सीबीआई की टीम के पास कथित तौर पर कोई वारंट नहीं था। इसके बाद पुलिस की टीम ने इन सीबीआई अधिकारियों को वहां से तुरंत चले जाने के लिए कहा लेकिन वे शाम 6:30 बजे के करीब अपनी जिद पर अड़े रहे और कोलकाता पुलिस आयुक्त के घर के पास से नहीं हटे।
सीबीआई की टीम पहले पार्क स्ट्रीट थाने में पहुंची थी। कोलकाता पुलिस आयुक्त के घर सीबीआई अधिकारियों के जाने के बारे में सूचना देने गई थी लेकिन वहां से उन्हें बताया गया कि उन्हें शेक्सपियर सरणी थाना जाना पड़ेगा। इधर सीबीआई की जो दूसरी टीम तथागत वर्धन के नेतृत्व में राजीव कुमार के घर के पास खड़ी थी, उन्हें पुलिस की टीम ने तुरंत इलाके छोड़कर जाने के लिए कहा। इसके लिए वह तैयार नहीं हुए।
इसके बाद पुलिस की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची। उसमें कोलकाता पुलिस मुख्यालय लाल बाजार से गुंडा दमन शाखा की टीम पहुंची थी और सीबीआई के इन अधिकारियों का कॉलर पकड़कर खींचते हुए गाड़ी तक ले जाया गया। उसके बाद गर्दन पकड़कर गाड़ी के अंदर डाला गया तथा वहां से शेक्सपियर सरणी थाना ले जाया गया।
उधर, विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट की टीम बड़ी संख्या में सॉल्टलेक के सीजीओ कंपलेक्स स्थित सीबीआई के पूर्वी क्षेत्रीय मुख्यालय में पहुंची और प्रत्येक निकासी द्वार को घेर लिया गया। किसी भी सीबीआई अधिकारी अथवा कर्मचारी को बाहर नहीं निकलने दिया गया। यही परिस्थिति कोलकाता के निजाम पैलेस की भी रही। यहां भी सीबीआई कार्यालय और सीबीआई के संयुक्त निदेशक के घर का घेराव कर दिया और किसी को भी बाहर नहीं निकलने दिया गया।
धरने पर बैठीं ममता
सीबीआई की टीम के पहुंचने की सूचना मिलने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्य के कानून व्यवस्था के एडीजी अनुज शर्मा, पुलिस महानिदेशक विरेंद्र कुमार, डीसी डीडी-1 विनीत गोयल और मेयर फिरहाद हकीम, राजीव कुमार के घर जा पहुंचे। वहां करीब डेढ़ घंटे तक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसके बाद ममता बनर्जी बाहर निकलीं और मीडिया के समक्ष आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निर्देश पर सीबीआई कार्रवाई कर रही हैं। यह बदले की कार्रवाई है और वह इसके खिलाफ धरने पर बैठेंगी। इसके बाद मुख्यमंत्री मेट्रो चैनल के सामने धरने पर बैठ गई हैं। बताया गया है कि आज की घटना के विरोध में वह कल विधानसभा में बजट भी पेश नहीं करेंगी।
सीबीआई ने की गृह मंत्रालय में शिकायत
इधर, सीबीआई की ओर से बताया गया है कि पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत दर्ज कराई गई है। राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के पास भी इससे संबंधित शिकायत दर्ज कराई गई है और बताया गया है कि अगर सीबीआई मुख्यालय को घेरकर पुलिस की टीम खड़ी रही तो इनके खिलाफ केंद्रीय फोर्स बीएसएफ या सीआईएसएफ या फिर सेना का इस्तेमाल किया जा सकता है।
केंद्रीय गृह सचिव की चेतावनी के बाद पुलिस पीछे हटी
केंद्रीय गृह सचिव ने राज्य के मुख्य सचिव मलय दे को फोन कर चेतावनी दी कि अगर एक घंटे के अंदर सीबीआई अधिकारियों को नहीं छोड़ा तो केंद्रीय बलों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तुरंत बाद हिरासत में लिए गए सभी अधिकारियों को छोड़ दिया गया और सीबीआई मुख्यालय को घेरकर खड़ी पुलिस की टीम भी वापस बुला ली गई।
सीबीआई दफ्तर की सुरक्षा सीआरपीएफ ने संभाला
इस बीच सीबीआई दफ्तर की सुरक्षा में सीआरपीएफ की टीम पहुंच गई है और राज्य की पुलिस पीछे हट गई है।
राजनीति हुई तेज
कोलकाता सीपी से जुड़े इस मामले को लेकर आज हुए हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद विपक्ष भी हमलावर हो गया। ममता बनर्जी ने आनन-फानन में केंद्र सरकार पर तीखे आरोप लगाए। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मोदी जी ने लोकतंत्र और संघीय ढांचे का पूरा मखौल बनाया है। कुछ साल पहले, मोदी जी ने अर्धसैनिक बलों को भेजकर दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार रोधी शाखा पर कब्जा किया था। अब, यह मोदी-शाह की जोड़ी देश और उसके लोकतंत्र के लिए खतरा है। हम इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं।”
उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “भाजपा सरकार की उत्पीड़नकारी नीतियों और सीबीआई के खुलेआम राजनीतिक दुरुपयोग के कारण जिस तरह देश, संविधान और जनता की आज़ादी ख़तरे में है, उसके ख़िलाफ़ ममता बनर्जी जी के धरने का हम पूर्ण समर्थन करते हैं। आज देश भर का विपक्ष और जनता अगले चुनाव में भाजपा को हराने के लिए एकजुट है।”
डीसी साउथ मिराज खालिद के नेतृत्व में दो आईपीएस अधिकारियों ने सीबीआई के डीएसपी तथागत वर्धन के साथ पहुंची 20 से अधिक सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस आयुक्त के घर के सामने से थोड़ी दूर ले गई और उनसे पूछताछ करने अथवा पुलिस आयुक्त के घर में तलाशी लेने संबंधी वारंट मांगा। सीबीआई की टीम के पास कथित तौर पर कोई वारंट नहीं था। इसके बाद पुलिस की टीम ने इन सीबीआई अधिकारियों को वहां से तुरंत चले जाने के लिए कहा लेकिन वे शाम 6:30 बजे के करीब अपनी जिद पर अड़े रहे और कोलकाता पुलिस आयुक्त के घर के पास से नहीं हटे।
सीबीआई की टीम पहले पार्क स्ट्रीट थाने में पहुंची थी। कोलकाता पुलिस आयुक्त के घर सीबीआई अधिकारियों के जाने के बारे में सूचना देने गई थी लेकिन वहां से उन्हें बताया गया कि उन्हें शेक्सपियर सरणी थाना जाना पड़ेगा। इधर सीबीआई की जो दूसरी टीम तथागत वर्धन के नेतृत्व में राजीव कुमार के घर के पास खड़ी थी, उन्हें पुलिस की टीम ने तुरंत इलाके छोड़कर जाने के लिए कहा। इसके लिए वह तैयार नहीं हुए।
इसके बाद पुलिस की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची। उसमें कोलकाता पुलिस मुख्यालय लाल बाजार से गुंडा दमन शाखा की टीम पहुंची थी और सीबीआई के इन अधिकारियों का कॉलर पकड़कर खींचते हुए गाड़ी तक ले जाया गया। उसके बाद गर्दन पकड़कर गाड़ी के अंदर डाला गया तथा वहां से शेक्सपियर सरणी थाना ले जाया गया।
उधर, विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट की टीम बड़ी संख्या में सॉल्टलेक के सीजीओ कंपलेक्स स्थित सीबीआई के पूर्वी क्षेत्रीय मुख्यालय में पहुंची और प्रत्येक निकासी द्वार को घेर लिया गया। किसी भी सीबीआई अधिकारी अथवा कर्मचारी को बाहर नहीं निकलने दिया गया। यही परिस्थिति कोलकाता के निजाम पैलेस की भी रही। यहां भी सीबीआई कार्यालय और सीबीआई के संयुक्त निदेशक के घर का घेराव कर दिया और किसी को भी बाहर नहीं निकलने दिया गया।
धरने पर बैठीं ममता
सीबीआई की टीम के पहुंचने की सूचना मिलने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्य के कानून व्यवस्था के एडीजी अनुज शर्मा, पुलिस महानिदेशक विरेंद्र कुमार, डीसी डीडी-1 विनीत गोयल और मेयर फिरहाद हकीम, राजीव कुमार के घर जा पहुंचे। वहां करीब डेढ़ घंटे तक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसके बाद ममता बनर्जी बाहर निकलीं और मीडिया के समक्ष आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निर्देश पर सीबीआई कार्रवाई कर रही हैं। यह बदले की कार्रवाई है और वह इसके खिलाफ धरने पर बैठेंगी। इसके बाद मुख्यमंत्री मेट्रो चैनल के सामने धरने पर बैठ गई हैं। बताया गया है कि आज की घटना के विरोध में वह कल विधानसभा में बजट भी पेश नहीं करेंगी।
सीबीआई ने की गृह मंत्रालय में शिकायत
इधर, सीबीआई की ओर से बताया गया है कि पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत दर्ज कराई गई है। राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के पास भी इससे संबंधित शिकायत दर्ज कराई गई है और बताया गया है कि अगर सीबीआई मुख्यालय को घेरकर पुलिस की टीम खड़ी रही तो इनके खिलाफ केंद्रीय फोर्स बीएसएफ या सीआईएसएफ या फिर सेना का इस्तेमाल किया जा सकता है।
केंद्रीय गृह सचिव की चेतावनी के बाद पुलिस पीछे हटी
केंद्रीय गृह सचिव ने राज्य के मुख्य सचिव मलय दे को फोन कर चेतावनी दी कि अगर एक घंटे के अंदर सीबीआई अधिकारियों को नहीं छोड़ा तो केंद्रीय बलों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तुरंत बाद हिरासत में लिए गए सभी अधिकारियों को छोड़ दिया गया और सीबीआई मुख्यालय को घेरकर खड़ी पुलिस की टीम भी वापस बुला ली गई।
सीबीआई दफ्तर की सुरक्षा सीआरपीएफ ने संभाला
इस बीच सीबीआई दफ्तर की सुरक्षा में सीआरपीएफ की टीम पहुंच गई है और राज्य की पुलिस पीछे हट गई है।
राजनीति हुई तेज
कोलकाता सीपी से जुड़े इस मामले को लेकर आज हुए हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद विपक्ष भी हमलावर हो गया। ममता बनर्जी ने आनन-फानन में केंद्र सरकार पर तीखे आरोप लगाए। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मोदी जी ने लोकतंत्र और संघीय ढांचे का पूरा मखौल बनाया है। कुछ साल पहले, मोदी जी ने अर्धसैनिक बलों को भेजकर दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार रोधी शाखा पर कब्जा किया था। अब, यह मोदी-शाह की जोड़ी देश और उसके लोकतंत्र के लिए खतरा है। हम इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हैं।”
उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “भाजपा सरकार की उत्पीड़नकारी नीतियों और सीबीआई के खुलेआम राजनीतिक दुरुपयोग के कारण जिस तरह देश, संविधान और जनता की आज़ादी ख़तरे में है, उसके ख़िलाफ़ ममता बनर्जी जी के धरने का हम पूर्ण समर्थन करते हैं। आज देश भर का विपक्ष और जनता अगले चुनाव में भाजपा को हराने के लिए एकजुट है।”