घोटालों के चलते बैंकों को 25,775 करोड़ का घाटा

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नई दिल्ली, 28 मई (हि.स.) । सार्वजनिक क्षेत्र के 21 बैंकों में वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान हुए घोटालों के चलते 25,775 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इसमें 6,461.13 करोड़ रुपये का सबसे ज्यादा घाटा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को हुआ है। आरटीआई के तहत यह जानकारी सामने आई है। आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ की ओर से मांगी गई सूचना के जबाव में यह भी बताया गया है कि उक्त अवधि में स्टेट बैंक अॉफ इंडिया को भी इसके चलते 2390.75 करोड़ रुपये का घाटा सहना पड़ा। साथ ही इस दौरान बैंक अॉफ इंडिया को 2,224.86 करोड़, बैंक अॉफ बड़ौदा को 1928.25 करोड़, इलाहाबाद बैंक 1520.37 करोड़, आंध्रा बैंक 1,303.30 करोड़ व यूको बैंक को 1224.64 करोड़ की हानि हुई।इसके अलावा आईडीबीआई बैंक को 1,116.53 करोड़, यूनियन बैंक अॉफ इंडिया को 1,095.84 करोड़, सेंट्रल बैंक को 1,084.50 करोड़, बैंक अॉफ महाराष्ट्र को 1029.23 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक को 1015.79 करोड़, कॉरपोरेशन बैंक को 970.89 करोड़, यूनाईटेड बैंक अॉफ इंडिया को 880.53 करोड़, ओरिएंटल बैंक अॉफ कामर्स को 650.28 करोड़, सिंडिकेट बैंक को 455.05 करोड़, कैनरा बैंक को 190.77 करोड़, पंजाब सिंध बैंक को 90.01 करोड़, देना बैंक को 89.25 करोड़, विजया बैंक को 28.58 व इंडियन बैंक को 24.23 करोड़ रुपये का घाटा सहना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि बैंक घोटाले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय कर रही हैं। इस घोटाले के मुख्य आरोपियों में दो हीरा व्यापारी- नीरव मोदी व मेहुल चोकसी शामिल हैं। सूचना के मुताबिक रिजर्व बैंक अॉफ इंडिया ने कहा है कि इस घोटाले में सिर्फ वही राशि शामिल है जिसमें महज एक लाख रुपये तक का लेनदेन हुआ है। इसमें पंजाब नेशनल बैंक में मोदी व चोकसी की ओर से किए गए घोटाले शामिल नहीं हैं। हालांकि इन घोटालों को लेकर कितने केस दर्ज किए गए हैं, इसकी जानकारी नहीं दी गयी है। अर्थशास्त्री जयंति लाल भंडारी ने कहा है कि अब बैंक लोगों को लोने देने से पहले कई बार सोचेंगे और इसका असर देश की आर्थिक व्यवस्था पर पड़ेगा।

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