गिरिराज सिंह ने चलाया कुदाल, किसानों को सिखाया प्राकृतिक खेती का तरीका
बेगूसराय, 26 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के आह्वान को गति देने के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने अभियान तेज कर दिया है। इसके तहत गिरिराज सिंह गांव-गांव जाकर लोगों को प्राकृतिक खेती करने तथा हरित खाद को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वह गांव गांव जाकर लोगों को बता रहे हैं कि प्राकृतिक खेती से ना केवल खेती में लागत कम होती है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। रविवार को भी गिरिराज सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में सब्जी उत्पादन के लिए चर्चित गांव सांख जाकर किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित किया।
गिरिराज सिंह ने किसानों से मिलकर उन्हें प्राकृतिक खेती के विभिन्न आयामों पर चर्चा किया, प्राकृतिक खाद बनाकर दिखाया तथा लोगों से हरित खाद का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील की। सबसे बड़ी बात है कि खेती को नई तकनीक से जोड़ने के इस अभियान में जीविका दीदियों को भी शामिल किया जा रहा है। रविवार को भी सांख गांव में बड़ी संख्या में मौजूद जीविका दीदियों को गिरिराज सिंह ने खुद से कुदाल चलाकर हरित खाद बनाने की तकनीक के संबंध में जानकारी दी तथा तमाम जीविका दीदियों से किसानों को इसके लिए प्रेरित करने की अपील किया।
गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेती में लागत कम कर किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ खुद के स्वास्थ्य और खेत के लिए उपयोगी प्राकृतिक खेती करने पर बल दिया है। बेगूसराय में सब्जी उत्पादन के लिए प्रसिद्ध सांंख गांव में प्राकृतिक खेती के पीएम के आह्वान को आगे बढ़ाते हुए सब्जी उत्पादकों के बीच हरित खाद (ग्रीन फर्टिलाइजर) बनाने की विधियों का प्रदर्शन किया गया है। जिसमें जीविका समूह की बहनों द्वारा आम किसानों के बीच खाद बनाने का तरीका दिखाया गया। जीविका दीदी प्राकृतिक खेती के अभियान से जुड़ेंगे तो एक नई क्रांति आएगी। किसानों के साथ-साथ जीविका दीदी की आय मेंं भी वृद्धि होगी। मौकेे पर विधायक कुंदन कुमार, सांसद प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर, जीविका के जिला समन्वयक तरुण कुमार सहित बड़ी संख्या में जीविका सेे जुड़ी महिलाएं तथा सब्जी उत्पादक सैकड़ों किसान मौजूूद थे।