लंदन, 08 जनवरी (हि.स.)। पूर्वी भारत और बांग्लादेश के इलाके में बहने वाली गंगा, ब्रह्मापुत्र और मेघना के डेल्टा का जलस्तर सदी के आखिर तक 1.4 मीटर तक बढ़ सकता है। जलस्तर में वृद्धि और भूस्खलन के क्षेत्रीय अनुमानों को बताने वाला यह अध्ययन सोमवार को पीएनएएस जर्नल में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में दावा किया गया है कि इसके निष्कर्षो पर काम करके भारत और बांग्लादेश में बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
फ्रांस के सीएनआरएस इंस्टीट्यूट सहित विभिन्न देशों के शोधकर्ताओं के मुताबिक यह क्षेत्र न केवल दुनिया में सबसे बड़ा है बल्कि यह सबसे घनी आबादी वाला डेल्टा है। यह जलवायु परिवर्तन के लिए सर्वाधिक संवेदनशील स्थानों में से भी एक है।
शोधार्थियों ने अपने निष्कर्षों में यह साफ किया है कि जलस्तर बढ़ने की सीमा और उससे पड़ने वाले प्रभाव के बारे में फिलहाल पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। बांग्लादेश के दो तिहाई और पूर्वी भारत के इलाके के इस डेल्टा में पहले से ही बाढ़ का खतरा मंडराता रहता है। इस क्षेत्र में अक्सर तीव्र मानसूनी बारिश, समुद्र के बढ़ते जलस्तर और भूस्खलन का भी असर पड़ता है। ताजा अध्ययन डेल्टा की 101 जगहों पर केंद्रित है। इस दौरान पानी और समुद्र के स्तर की मासिक रीडिंग का विश्लेषण किया गया।