गंगासागर में 30 लाख पुण्यार्थियों ने लगाई आस्था की डुबकी
कोलकाता, 15 जनवरी (हि.स.)। त्रेता युग में जिस सागर तट पर स्वर्ग से उतरी गंगा ने राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को मकर संक्रांति के दिन स्पर्श कर मोक्ष दिया था उसी सागर तट पर मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में पहुंचे करीब 30 लाख पुण्यार्थियों ने आस्था की डुबकी लगाई है। वैसे तो मंगलवार सुबह 7:19 से पुण्य स्नान का शुभ मुहूर्त शुरू हुआ था लेकिन सुबह 6:00 बजे से ही श्रद्धालुओं ने डुबकी लगानी शुरू कर दी थी। कपिल मुनि आश्रम के महंत ज्ञानदास ने बताया कि सोमवार रात 8:05 से ही मकर संक्रांति शुरू हो गया था इसीलिए मंगलवार सुबह 6:00 बजे से ही बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों ने गंगासागर में डुबकी लगाने शुरू कर दी थी। देश दुनिया से पहुंचे लाखों महिला पुरुष युवाओं समेत अनगिनत की संख्या में नागा, नाथ और अन्य संप्रदाय के साधुओं ने इस सागर तट पर मोक्ष मिलने की आस में डुबकी लगाई है। सुबह 7.19 बजे से 12.30 बजे तक पुण्य स्नान की अवधि निर्धारित की गई है। पुण्य स्नान की कुल अवधि 5 घंटे 11 मिनट की है। पुण्य स्नान की अवधि सुबह 7.19 बजे से 09.02 बजे तक थी, जबकि महापुण्य स्नान की कुल अवधि 1 घंटा 43 मिनट की थी। सुबह होते ही तीर्थयात्री अपने-अपने शिविरों से निकल कर पुण्य स्नान के लिए जा पहुंचे थे और गंगा और सागर के मिलन तट पर डुबकी लगानी शुरू कर दी थी। इनकी सुविधाओं के लिए प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था कर रखी थी। पुलिस, सिविल डिफेंस, होमगार्ड समेत नेवी और कोस्ट गार्ड के 10,000 से अधिक जवानों ने तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेवारी संभाली है।
जिला प्रशासन सूत्रों के अनुसार इस साल 30 लाख सेेेे अधिक श्रद्धालु सागर तट पर पुण्य स्नान के लिए पहुंचे हैं। पिछले साल 20 लाख लोगों ने डुबकी लगाई थी।