केशकाल के मुकतेकड़ जलप्रपात का सौंदर्य भी है अनुपम

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कोंडागांव, 25 दिसंबर (हि.स.)।बस्तर की हरी-भरी वादियों में आज भी ऐसे प्राकृतिक धरोहरों से युक्त सौंदर्य स्थल हैं। जहां कि सुंदरता स्थानीय छोड़कर बाकी जगत से दूर हैं। ऐसा ही एक स्थल कोंडागांव जिले के केशकाल विकास खण्ड के अंतर्गत मुकतेकड़ जलप्रपात का है। जहां का सौंदर्य बरबस ही बस्तर के सर्वाधिक प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात की याद दिला देता है। मुकतेकड़ जलप्रपात केशकाल विकास खंड के कुंएमरी ग्राम के क्षेत्र में स्थित है और मुकतेकड़ का पहाड़ इस जल प्रपात को अपने आंचल में छुपाये हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि इसी जल प्रपात से बस्तर की कांकेर क्षेत्र की दूध नदी और अंतागढ़ नदी व बारदा नदी निकलती है। जिनका रौद्रा रूप वर्षा के दिनों में अत्यधिक दिखाई पड़ता है। पहले इस क्षेत्र में जिसमें धनोरा, ईरागांव, कुंएमारी समाहित हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। चूंकि अब नक्सल प्रभाव इस क्षेत्र में कम हो रहा है और प्रशासन की पहुंच होती जा रही है। वैसे ही कई प्राकृतिक स्थलों की जानकारी इस क्षेत्र से प्राप्त हो रही है। इसी कड़ी मुकतेकड़ का जलप्रपात ही आता है। मुकतेकड़ पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं। इनमें से एक केशकाल के बेड़मागांव से होते हुए धनोरा और धनोरा से ईरागांव होते हुए आमाबेड़ा और चिखली, तुमलनार, बलैंडी होते हुए यहां पहुंचा जा सकता है। बलैंडी से मुकतेकड़ का पहाड़ लगा हुआ है और तीन या चार किमी चलना पड़ता है।
जल्द बनेगी सड़क
कलेक्टर नीलकंठ टीकाम व अधिकारियों का दल यहां पहुंच प्रभावित हुआ। कलेक्टर ने मंगलवार को बताया कि कोण्डागांव के अधिकारियों को कुंएमारी से मुकतेकड़ का पहाड़ तक सड़क बनवाने के लिए प्रोजेक्ट बनाने का निर्देश दिया है।


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