कांग्रेस ने मोदी और सीतारमण के खिलाफ दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस
नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)। लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। खड़गे ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को लिखे गए दो अलग-अलग पत्रों में कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ फ्रांस से राफेल युद्धक विमानों की खरीद के बारे में उनकी गलतबयानी के लिए विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाना चाहते हैं।
उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया है कि वह इस विशेषाधिकार हनन नोटिस को स्वीकार करते हुए इसे आगे की कार्रवाई के लिए विशेषाधिकार समिति को भेज दें।
खड़गे ने अपने नोटिस में कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान गत 20 जुलाई को सदन में यह कहा था कि राफेल युद्धक विमान की कीमत संबंधी तथ्यों को बताया जाना राष्ट्रहित में नहीं है। उन्होंने कहा था कि विपक्ष की इस संबंध में की जा रही मांग पर दोनों देशों की सरकारों को स्पष्टीकरण देना पड़ा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि यह पूरा सौदा पारदर्शी था। पत्र में खड़गे ने आगे कहा कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री की मौजूदगी में यह कहा था कि वर्ष 2008 में भारत और फ्रांस के बीच गोपनीयता समझौता हुआ था, जिसके तहत कीमत नहीं बताई जा सकती।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि फ्रांस की सरकार ने कभी भी इस बात को नहीं नकारा कि राफेल युद्धक विमानों की कीमत संसद को बताई जा सकती है, जैसा कि विपक्षी दल मांग कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच हुआ गोपनीयता समझौता रक्षा सहयोग, रक्षा खरीद और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण से संबंधित था इसमें यह कहीं नही कहा गया था कि संसद को युद्धक विमानों की कीमत नहीं बताई जा सकती। गोपनीयता समझौता रक्षा सौदों के तहत हुई खरीद की वाणिज्यिक कीमत बताए जाने से भी नहीं रोकता। गोपनीयता समझौता केवल राफेल युद्धक विमानों से ही जुड़ा नहीं था।
खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने समझौते में पारदर्शिता का जो दावा किया है वह तथ्यात्मक रूप से गलत, असत्य और सदन को गुमराह करने वाला है।
खड़गे ने अपने पत्र में रक्षा राज्यमंत्री द्वारा सदन में वर्ष 2016 और 2018 में पूछे गए सवालों के उत्तर में राफेल युद्धक विमानों की कीमत स्वयं बताई थी। सरकार ने सदन को खरीद का पूरा मूल्य नहीं बताया था।
कांग्रेस नेता ने लोकसभा अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में फ्रांस के साथ हुए गोपनीयता समझौते तथा सदन में सरकार की ओर से प्रश्नों के संदर्भ में उनके उत्तर नत्थी किए हैं।