करोल बाग अग्निकांड: होटल अर्पित का मालिक एयरपोर्ट से गिरफ्तार
नई दिल्ली, 17 फरवरी (हि.स.)। मध्य जिले के करोल बाग स्थित ‘अर्पित होटल’ अग्निकांड मामले में फरार चल रहे ‘होटल अर्पित’ के मालिक राकेश गोयल को क्राइम ब्रांच की टीम ने एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है। 12 फरवरी को हुए अग्निकांड में 17 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें एक आईआरएस ऑफिसर भी शामिल था।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन ऑफिसर को जानकारी मिली थी कि कतर से इंडिगो फ्लाइट में सवार होकर आरोपित सफर कर रहा है। जानकारी मिलते ही राकेश गोयल को एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया और क्राइम ब्रांच के हवाले किया गया। शुरुआती पूछताछ में आरोपित राकेश ने बताया कि होटल का लाइसेंस उसके बड़े भाई शरतेन्दु गोयल के नाम पर था। फिलहाल पुलिस शरतेन्दु की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है।
आज कोर्ट में पेशी
क्राइम ब्रांच की टीम ने राकेश गोयल से काफी पूछताछ की और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस रविवार को आरोपित राकेश गोयल को दोपहर करीब दो बजे कोर्ट में पेश करेगी और उसे पुलिस रिमांड पर लेने की कोशिश करेगी, जिससे कि और पूछताछ हो सके।
380 होटलों की जांच जारी
करोल बाग में हुए इस भीषण अग्निकांड के बाद दिल्ली पुलिस, दमकल विभाग सहित कई एजेंसियां काफी सतर्क हो गई हैं और करोल बाग में करीब 380 होटलों की जांच भी शुरू कर दी गई है। 12 दमकल अधिकारियों की 6 टीमें बनाई गई हैं, जो पिछले 4 दिनों से लगातार होटलों की चेकिंग कर रही हैं।
कई होटलों के एनओसी रद्द
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार होटल में सुरक्षा के क्या इंतजाम किए गए हैं उसकी जांच भी की जा रही है। होटल ने एनओसी लेते वक्त क्या-क्या डिटेल दमकल विभाग को दिया था और अभी मौजूदा हालत क्या है, इसका भी मिलान किया जा रहा है। दमकल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अतुल गर्ग के अनुसार पहले दो दिनों में 30 होटलों के एनओसी को कैंसिल कर दिया गया और तीसरे दिन 27 और होटलों के एनओसी को रद्द किया गया है।
80 होटलों की जांच पूरी
दमकल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अभी तक 80 होटलों की जांच की जा चुकी है। छह दमकल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उक्त मामले की जांच कर रहे है।
पुलिस रिमांड में होगी पूछताछ!
क्राइम ब्रांच की टीम भी ‘होटल अर्पित’ के मालिक राकेश गोयल की गिरफ्तारी के लिए लगी हुई थी और राकेश गोयल के खिलाफ लुक आउट नोटिस(एलओसी)(लुक आउट सर्कुलर) जारी कर दिया, जिससे कि एयरपोर्ट पर भी जानकारी मिलते उसे पकड़ा जा सके। अब क्राइम ब्रांच की टीम आरोपित राकेश गोयल को पुलिस रिमांड पर लेने के बाद उससे गहन पूछताछ कर पूरे मामले के बारे में और भी जानकारी इकट्ठा करेगी।
अब तक यह हुई थी कार्रवाई
मंगलवार को लगी आग की इस भीषण दुर्घटना में 17 लोगों के मारे जाने के बाद स्थानीय पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी की धारा-304 और 308 के तहत के केस दर्ज कर होटल के जनरल मैनेजर राजेंद्र व मैनेजर विकास को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस का कहना था कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को इस मामले में नामजद भी किया जाएगा। वहीं मंगलवार को ही जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई थी।
फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्यों को जांच के लिए भेजा
मंगलवार को फॉरेंसिक टीम ने भी मौके से लिए गए साक्ष्यों को जांच के लिए भेज दिया। जिस 17वें व्यक्ति के शव की पहचान नहीं हुई है, उसकी जांच के लिए डीएनए टेस्ट की औपचारिकताएं शुरू की गई। घटना से अब तक इस शव की पहचान नहीं की जा सकी है और कोई परिवार भी सामने नहीं आया है। शव की हालत ऐसी थी कि आग के कारण पूरा हिस्सा ही जल चुका है। इसके चलते पहचान करना संभव नहीं था।
क्या है मालिकों की पृष्ठभूमि
वहीं पुलिस द्वारा कोर्ट में सौंपे गए दस्तावेज के आधार पर यह बात सामने आई है कि होटल की प्रॉपर्टी राकेश कुमार गोयल उर्फ राकेश गोयल उर्फ पटवारी के नाम है, जबकि होटल का लाइसेंस शरतेन्दु गोयल के नाम का है। दोनों भाई हैं लेकिन मुख्य रूप से पूरे कारोबार को राकेश गोयल ही संभालते थे। इस कारण लोग राकेश को ही होटल के मालिक के रूप में जानते थे। इसके अलावा इस परिवार का पेंट व हार्डवेयर का भी काम है। करोल बाग के बैंक स्ट्रीट में बने घर के भूतल पर एक बड़ी से दुकान है, जबकि परिवार के सदस्य उपरी मंजिल पर रहता है। वहीं इसकी एक शाखा यमुनापार के जगतपुरी इलाके में भी है।
होटल में आग लगने के यह रहे प्रमुख कारण
–होटल अर्पित में लगे फायर अलार्म बजे ही नहीं थे। दमकल विभाग का कहना है कि होटल में लगे अलार्म मैनुवल थे। यदि कोई अलार्म का शीशा तोड़कर अलार्म को बजाता तो लोग अलर्ट हो जाते और शायद इतना बड़ा हादसा नहीं होता।
–होटल में इमरजेंसी एक्जिट पर पूरी तरह से अतिक्रमण किया गया था। वहां होटल में इस्तेमाल होने वाली चादर और कागजात व अन्य सामान रखा था। आग होटल के इमरजेंसी एक्जिट पर भी लग गई। ऐसे में कोई चाहकर भी वहां से निकल नहीं पाया। एक युवक ने वहां से निकलने का प्रयास किया था लेकिन वह निकल नहीं पाया। उसका शव वहीं पर बुरी तरह जली हुई हालत में मिला।
–होटल के कॉरिडोर व सीढ़ियों पर वुडन व फॉर्म और रेक्सीन का इस्तेमाल किया गया था। ऐसे में रूम नंबर-109 से लगी आग कॉरिडोर से होती हुई सीढ़ियों के रास्ते ऊपर पहुंच गई। रास्ता बंद होने पर कोई बाहर नहीं निकल पाया।
–जांच के दौरान पकि जब आग नीचे की फ्लोर पर लगी थी तो ऊपरी मंजिल वाले लोग छत पर जा सकते थे, लेकिन वहां पर फायबर शीट डालकर अवैध रूप से रेस्टोरेंट बनाया गया था। आग वहां पहुंची और उसने भयावह रूप ले लिया। कुछ लोग छत पर गए भी लेकिन वह जान बचाने के लिए नीचे कूद गए।
–टॉप फ्लोर पर बना किचन में रखा सामान भी आग की एक बड़ी वजह बना, किचन में तेजी से आग फैल गई। यदि यहां किचन व फाइबर शीट नहीं होती तो शायद बचाव हो सकता था।
–होटल में मौजूद 12 कर्मचारियों ने समय पर दमकल विभाग को सूचना नहीं दी न ही उन्होंने खुद ही आग बुझाने की कोशिश की। या तो वह ट्रैंड नहीं थे या फिर वह होटल छोड़कर भाग गए। यह भी आग की बड़ी वजह बना।
–कॉरिडोर और सीढ़ियों पर बाहर की ओर लगे शीशे फिक्स थे। वेंटीलेंशन के लिए यदि यह खुले होते थे शायद धुंआ बाहर निकल जाता और लोगों का दम नहीं घुटता लेकिन ऐसा नहीं हुआ। धुंआ पूरे होटल में घूमता रहा और लोग उसकी चपेट में आ गए।