ओएमओ के जरिए आरबीआई खरीदेगी भारत सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियां
मुंबई, 06 मार्च (हि.स.)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओऱ से कहा गया है कि बाजार में तरलता जोखिम की चिंता को दूर करने के लिए मुक्त बाजार संचालन (ओएमओ) के जरिए सात मार्च को केंद्रीय बैंक 12,500 करोड़ रुपये डालने जा रही है। इसके साथ ही भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार की दिनांकित प्रतिभूतियों की ओएमओ खरीद की घोषणा की है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने चलनिधि की विद्यमान और उभरती परिस्थितियों के सामयिक मूल्यांकन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि 7 मार्च 2019 (गुरुवार) को एकाधिक मूल्य पद्धति का उपयोग करते हुए बहु-प्रतिभूति नीलामी के माध्यम से 125 बिलियन रुपये जुटाए जाएंगे। इसके लिए खुला बाज़ार परिचालन (ओपन मार्केट ऑपरेशन) के अंतर्गत सरकारी प्रतिभूतियों की खरीदी की जाएगी।
आरबीआई ने यह भी कहा है कि मौजूदा तरलता की स्थितियों के आकलन के आधार को देखने और टिकाऊ तरलता की जरूरतों के बढ़ने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक ने मुक्त बाजार संचालन के तहत 125 अरब रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों को एकाधिक मूल्य पद्धति का इस्तेमाल करते हुए मल्टी सिक्योरिटी ऑक्शन आय़ोजित करने जा रही है। इस बास्केट में शामिल सभी प्रतिभूतियों के लिए 125 बिलियन रुपये की कुल समग्र उच्चतम सीमा है। प्रतिभूतिवार कोई अधिसूचित राशि नहीं निर्धारित की गई है।
7 मार्च को होनेवाली दिनांकित प्रतिभूतियों की ओएमओ खरीदी की जाएगी। इसके तहत 7.80 प्रतिशत सरकारी स्टॉक 2021 की परिपक्वता अवधि 11 अप्रैल 2021 है, जबकि 8.83 प्रतिशत सरकारी स्टॉक 2023 की परिपक्वता अवधि 25 नवंबर 2023, 8.33 प्रतिशत सरकारी स्टॉक 2026 की परिपक्वता अवधि 9 जुलाई 2026, 8.26 प्रतिशत सरकारी स्टॉक 2027 की परिपक्वता अवधि 2 अगस्त 2027 औऱ 7.61 प्रतिशत सरकारी स्टॉक 2030 की परिपक्वता अवधि 9 मई 2030 निर्धारित की गई है।