एनजीटी की दिल्ली सरकार को फटकार, तमाशा नहीं रिज सीमांकन पर प्रामाणिक जानकारी दीजिए
नई दिल्ली (हि.स.)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल(एनजीटी) ने दिल्ली के वनक्षेत्र दक्षिणी रिज के सीमांकन के लिए हर बार अलग-अलग समय की मांग करने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। जस्टिस रघुवेंद्र एस. राठौड़ ने कहा कि आप तमाशा बंद कीजिए। आप सही सूचना दीजिए। आप बताइए कि रिज के सीमांकन तय करने में कितना समय लगेगा। आप हमें एक माह के अंदर बताइए।
पिछले 16 जनवरी को दक्षिणी रिज के सीमांकन में देरी के कारणों को जानने के लिए दिल्ली सरकार के प्रधान वन संरक्षक को तलब किया था। 19 दिसंबर 2018 को प्रधान वन संरक्षक ने एनजीटी को बताया था कि राजस्व विभाग ने अपना काम पूरा नहीं किया है। इसके बाद एनजीटी ने दिल्ली के राजस्व विभाग के सचिव और प्रधान वन संरक्षक दोनों को तलब करने का आदेश जारी किया था।
एनजीटी सौन्या घोष की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। याचिका में कहा गया है कि दक्षिणी रिज के फॉरेस्ट लैंड का अतिक्रमण किया जा रहा है। इस पर एनजीटी ने दक्षिणी रिज के सीमांकन में लापरवाही बरतने के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि रिज के सीमांकन में कितना समय लगेगा। आप जल्द सीमांकन करें। एनजीटी ने चेतावनी दी थी कि अगर सीमांकन जल्द नहीं किया गया तो हम वन विभाग और राजस्व विभाग पर दो-दो लाख का जुर्माना लगाएंगे।