आम बजट वर्ष 2022-23 : भारतीय रिजर्व बैंक जारी करेगा डिजिटल करेंसी
नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हुए डिजिटल करंसी जारी करेगा।
वित्त मंत्री ने मंगलवार को संसद में वर्ष 2022-23 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। साथ ही डिजिटल मुद्रा अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को भी बढ़ावा देगी।
सीतारमण ने कहा कि डेटा सेंटर और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम जिसमें डेंस चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रिड-स्केल बैटरी सिस्टम शामिल हैं, को इन्फ्रास्ट्रक्चर की सामंजस्यपूर्ण सूची में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह डिजिटल बुनियादी ढांचे और स्वच्छ ऊर्जा भंडारण के लिए ऋण उपलब्धता की सुविधा प्रदान करेगा।
वित्त मंत्री ने बजट में वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी निवेश को बढ़ाने के लिए उचित उपायों को खोजने और सुझाव देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का प्रस्ताव रखा। उन्होंने बताया कि वेंचर कैपिटल और प्राइवेट इक्विटी ने पिछले साल 5.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर सबसे बड़े स्टार्ट-अप और विकास पारिस्थितिकी प्रणालियों को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि क्लाइमेट एक्शन, डीप-टेक, डिजिटल इकोनॉमी, फार्मा और एग्री-टेक जैसे महत्वपूर्ण बढ़ते क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार मिश्रित वित्त के लिए विषयगत फंड को बढ़ावा देगी। इसमें सरकारी हिस्सेदारी 20 प्रतिशत तक सीमित होगी और फंड का प्रबंधन निजी कोष प्रबंधकों द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं, वित्तपोषण के नवीन तरीकों और संतुलित जोखिम आवंटन को अपनाकर वित्तीय व्यवहार्यता को बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जाएगा।
डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर लगेगा 30 प्रतिशत कर
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने यह भी ऐलान किया कि वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के मामले में लेन-देन तेजी से बढ़ा है। इसे देखते हुए किसी भी वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के लेन-देन से होने वाली आमदनी पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाएगा जाएगा।
उन्होंने कहा कि एक्वीजीशन खर्च को छोड़कर किसी अन्य खर्च पर कोई कटौती नहीं मिलेगी। डिजिटल संपत्ति के लेन-देन के दौरान किसी भी तरह का घाटा, किसी अन्य आय के साथ संतुलित नहीं किया सकेगा। वर्चुअल संपत्ति के लेन-देन के दौरान भुगतान पर 1 फीसदी टीडीएस लगेगा। यह मॉनेटरी थ्रेसहोल्ड के अलावा होगा। गिफ्ट के रूप में प्राप्त हुए वर्चुअल डिजिटल संपत्ति टैक्स के दायरे में आएंगे और प्राप्तकर्ता को टैक्स देना होगा।