आम बजट: किसानों ने बताया फायदेमंद, मध्यमवर्ग निराश
– विशेषज्ञों की राय बेहद संतुलित और दूरगामी
रायबरेली, 01 फरवरी(हि.स.)। देश का आम बजट आज पेश होने के बाद आम लोगों, कर्मचारियों, गृहिणी और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया बेहद संतुलित और दूरगामी आयी है। किसानों ने इसे हितकर बताया है, वहीं नौकरी पेशा लोगों ने फायदेमंद करार नहीं दिया है। बेरोजगारों को ज़रूर इससे कुछ उम्मीद बंधी है। वहीं आर्थिक विशेषज्ञों ने इसे समय के अनुकूल बेहतरीन बजट बताते हुए कुछ और भरोसा देने की बात कही है।
किसानों के इस बार के बजट में जो बड़ा तोहफ़ा मिला है वह है एमएसपी पर रिकार्ड खरीददारी की घोषणा। इससे खुश किसान रामप्रताप सिंह का कहना है यदि सरकार इस पर गंभीरता से आगे बढ़ती है तो किसानों का फायदा होगा। जिस तरह से आर्गेनिक खेती की बात कही गई है, वह भी किसानों के भविष्य को सुरक्षित करने वाला है।
डलमऊ के युवा किसान आनन्द निषाद का कहना है कि गंगा नदी के किनारे 5 किमी में रसायन मुक्त खेती की योजना मील का पत्थर साबित हो सकती है। इसके साथ ही किसानों के लिए परिवहन की व्यवस्था छोटे किसानों के लिए बड़ा फायदा देगी। हालांकि कुछ किसान रामबली, अवधेश आदि ने इसे नाकाफ़ी बताया और एमएसपी पर गारंटी की बात की। इन्होंने किसानों की आय को लेकर बजट में कोई सार्थक पहल न होने की बात कही।
बजट का जिसे सबसे ज्यादा इंतज़ार होता है वह है मध्यम वर्ग। जिसे इसमें कुछ ख़ास नहीं मिला। उन्हें टैक्स के दायरे में छूट का इंतजार था जो नहीं हो सका, हालांकि पेंशन में टैक्स की छूट जरूर लोगों को भा रही है। शिक्षक वेद प्रकाश यादव का कहना है कि इस बजट से उन्हें निराशा हुई जो सबसे ज्यादा अर्थव्यवस्था में योगदान देता है,यह केवल भाषणबाजी तक ही रहा है।
इंजीनियर अभिषेक श्रीवास्तव के अनुसार इस बजट में सबका ख्याल रखा गया है, हालांकि मध्यम वर्ग को और भी उम्मीद रही है। गृहिणी संध्या पांडे का कहना है कि महंगाई अगर कम हुई तो ही यह जनता के लिए फायदेमंद रहेगा। अन्यथा केवल इसे औपचारिकता ही कह सकते हैं।
बजट को लेकर आम लोगों से इतर विशेषज्ञों की राय भी सामने आई है। एमीमपीजी कॉलेज के अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर डॉ रामकरण यादव का कहना है यह प्रगतिशील बजट है और जिस तरह से एमएसएमई पर ध्यान दिया गया है, उससे बेरोजगारी पर भी अंकुश लगेगा। साथ ही अर्थव्यवस्था में सुधार आने की संभावना है। वहीं डॉ आरके शुक्ला का कहना है कि कृषि व्यवस्था और बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया है जो दीर्घकालिक मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर एक कदम है। उन्होंने बजट को बेहद संतुलित बताते हुए कहा कि इसमें भविष्य के संरचनात्मक विकास पर जोर दिया गया है जो कि एक अच्छा कदम है।