आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट्स के निर्माण का काम शुरू  एनबीसीसी: सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली, 16 जनवरी (हि.स.)। आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कमेटी (एनबीसीसी) को निर्देश दिया है कि वो आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट्स के निर्माण का काम शुरू करें। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने एनबीसीसी से कहा कि अगली सुनवाई की तिथि को ये बताएं कि किन प्रोजेक्ट का काम सबसे पहले शुरू किया जा सकता है। इस मामले पर अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी।

आज सुनवाई के दौरान आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों ने कहा कि इसके निदेशकों को होटल में रखने की बजाय जेल में रखा जाए। कुछ खरीददारों ने शिकायत की कि वे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के फ्लैट में रह रहे हैं लेकिन उनके फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं की गई है। इस पर कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से पूछा है कि इन फ्लैट धारकों की समस्या कैसे सुलझाई जाए।

12 दिसम्बर, 2018 को आम्रपाली के रायपुर स्थित टेकपार्क की संपत्ति का दस दिनों में आकलन कर जनवरी के अंत तक बेचने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि टेकपार्क को बेचने के बाद जो पैसे आएंगे वे फ्लैट खरीददारों को वापस किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने जोडिएक और ईडेन पार्क के जो 9 प्रोजेक्ट रुके हुए हैं उसका काम पहले करवाने के लिए एनबीसीसी को आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के सोसायटी में रह रहे लोगों की बिजली और पानी की सप्लाई रोकने के आम्रपाली के फैसले पर रोक लगाई थी। कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को आदेश दिया है कि वे आम्रपाली के फ्लैट धारकों को बिजली और पानी मुहैया कराएं। कोर्ट ने कहा था कि आम्रपाली के जहां प्रोजेक्ट हैं वहां फ्लैट खरीददारों को बिजली देनी पड़ेगी लेकिन जो अभी का करंट बिजली बिल है उसका भुगतान फ्लैट खरीददारों को करना पड़ेगा। पानी का कनेक्शन जो फ्लैट खरीददारों को नहीं मिल रहा है उन्हें नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पानी का कनेक्शन दें।

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के निदेशकों के लग्जरी कारों को जब्त कर बेचने का आदेश दिया था । सुप्रीम कोर्ट के खाते में अब तक 4 करोड़ रुपये आ गए हैं। अगले हफ्ते तक 10 करोड़ रुपये आने की संभावना है। रायपुर की संपत्ति बेचने से 200 करोड़ रुपये आएंगे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के अकाउंटेंट से पूछताछ की थी । सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को आदेश दिया कि जिस लैपटॉप में फाइनेंशियल डाटा है उसे तुरंत फोरेंसिक ऑडिटर को दे दें।

13 नवंबर, 2018 को कोर्ट ने आम्रपाली की 5 संपत्तियों को बेचने का आदेश दिया था। कोर्ट ने डीआरटी को निर्देश दिया था कि वो ग्रेटर नोएडा में मौजूद आम्रपाली हॉस्पिटल को अटैच करें। कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के टावर A, B और C बेचने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने नोएडा के सेक्टर 62 के टावर को भी बेचने का आदेश दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने आम्रपाली की गोवा में मौजूद प्रोपर्टी और कॉरपोरेट टॉवर को अटैच करने का भी आदेश दिया था।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह को फटकार लगाई थी और कहा कि भी फेयर विथ द सिस्टम। कोर्ट ने कहा था कि हमें फोरेंसिक ऑडिटर्स पर कोई संदेह नहीं है। हम आपकी गलतियों को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।

कोर्ट ने आम्रपाली समूह के प्रमोटर से पूछा था कि कोर्ट के आदेश के बावजूद समूह की सभी सहयोगी कंपनियों के आर्थिक लेन-देन का खुलासा न करने के चलते क्यों न उन पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलाया जाए।

पिछले 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के प्रमोटर अनिल शर्मा और 2 निदेशकों को दीवाली पर पुलिस हिरासत से रिहा करने की मांग खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के वित्तीय लेन-देन की पूरी जानकारी न मिलने पर असंतोष जताते हुए उन्हें राहत देने से मना कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के निदेशक, चार्टर्ड अकाउंटेंट और सीएफओ को सही जानकारी हलफनामे में देने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि गलत जानकारी देने पर कोर्ट की अवमानना और ग़लतबयानी का केस भी चलेगा। फोरेंसिक ऑडिटर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आम्रपाली की लगभग 200 कंपनियां हैं, जिसकी सही जानकारी नहीं दी जा रही है। आम्रपाली ने सीएफओ को बीएमडब्ल्यू कार गिफ्ट की और उसका 2 करोड़ का इनकम टैक्स भी भरा। उसके बाद कोर्ट ने बैंक से 2008 से लेकर अब तक के स्टेटमेंट ऑफ़ अकाउंट फॉरेन्सिक ऑडिटर्स को देने का निर्देश दिया था ।


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