(अपडेट) बिहार बचाने को सड़क पर उतरे चिराग पासवान, गिरफ्तार
-सचिवालय थाने से रिहा होने के बाद पहुंचे राजभवन
पटना, 15 फरवरी (हि.स.)। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और बिहार के जमुई से लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने बिहार में आपराधिक वारदात में हो रही बढ़ोत्तरी और लॉ-एंड-ऑर्डर में लगातार गिरावट के विरोध में गांधी मैदान के पास स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमास्थल से राजभवन तक बिहार बचाओ मार्च निकाला। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली सरकार को बर्खास्त करने और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
ऐतिहासिक गांधी मैदान से लोजपा (रामविलास) पार्टी के समर्थकों के साथ चिराग राजभवन तक जाना चाहते थे। डाकबंगला चौराहा और इनकम टैक्स चौराहे के पास पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वे और उनके कार्यकर्ता नहीं माने। इसके बाद हड़ताली मोड़ के पास पुलिस ने उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज कर दिया। इससे बेली रोड पर कुछ देर के लिए भगदड़ मच गयी। हड़ताली मोड़ के पास ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
मार्च के दौरान हड़ताली मोड़ के पास पुलिस ने लोगों को नियंत्रित करने के लिए 20 से अधिक राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े। स्थिति को नाजुक होता देख पुलिस के वरीय अधिकारियों को मौके पर पहुंचना पड़ा। इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं से पुलिस की झड़प हुई। पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर कैनन का भी इस्तेमाल करना पड़ा। पटना के बेली रोड पर ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई।
पटना के सचिवालय थाना में चिराग पासवान को दो घंटे करीब रखा गया, जिसके बाद उन्हें वहां से छोड़ दिया गया। इसके बाद चिराग पासवान राजभवन राज्यपाल से मिलने गए। सचिवालय थाना में उनसे मिलने के लिए मां रीना पासवान भी पहुंची। रीना पासवान ने कहा कि सरकार विरोधियों की आवाज को दबाने का काम कर रही है।
प्रदर्शन के बाद चिराग पासवान ने बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जितनी पुलिस आज मुझे रोकने के लिए लगाई गई थी इतनी पुलिस हमेशा रहती तो बिहार में अपराध पर लगाम लग जाता। हम कोई आतंकवादी नहीं है कि हमारे साथ ऐसा बर्ताव किया जा रहा है। चिराग पासवान ने कहा कि हम लोग शांतिपूर्ण तरीके से राज्यपाल से मिलने जा रहे थे। चिराग पासवान ने साफ कहा कि मैं शेर का बेटा हूं डरता किसी से नहीं हूं लेकिन कानून का पालन करता हूं। इसलिए हाथ जोड़कर विनम्र निवेदन करते हुए शांतिपूर्ण जा रहा था लेकिन हमें राज्यपाल से मिलने नहीं दिया गया। रोका गया यह सरासर गलत है।